सत्य पर विश्वास कर लिया तो दूसरा कोई विकल्प नही : संत विज्ञानदेव जी
औरंगाबाद। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान की अत्यंत अनिवार्यता है, जिसके आलोक में एक साधक का जीवन सर्वोन्मुखी विकास होता है। भारतीय संस्कृति अत्यंत समृद्ध है जिसने विरासत के रूप में आध्यात्मिकता को मानव कल्याण के लिए सहज रूप में प्रदान किया है। जो धर्म से लेकर मोक्ष की यात्रा कराती है। जो विश्व की आदि संस्कृति, विश्ववारा संस्कृति है। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की चतुःसूत्री ही भारतीय संस्कृति का आधार है। उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में अम्बा के भास्कर नगर, सड़सा मे आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये।
संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज की दिव्यवाणी जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग 2 घंटे तक प्रवाहित हुई। स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। आयोजकों ने बताया कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारोह महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज 7 जुलाई से दक्षिण भारत कन्याकुमारी से संकल्प यात्रा का शुभारंभ हो चुका है।
यह संकल्प यात्रा का कार्यक्रम तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा के बाद बिहार के रोहतास, कैमुर, बक्सर, आरा, गया, जहानाबाद, राजगीर नालंदा, नवादा, जमुई, लखीसराय, मुंगेर, बेगूसराय, खगड़िया, बांका, भगलपुर, मधुबनी,दरभंगा, समस्तीपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर,मोतिहारी, बेतिया, गोपालगंज, सिवान, छपरा, पटना होते हुए औरंगाबाद में संपन्न हुआ।
आगामी 6 एवं 7 दिसंबर 2024 को विशालतम ध्यान साधना केंद्र स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में ऐतिहासिक 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। उसी की जागरुकता के लिए यह संकल्प यात्रा हो रही है जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले।
इस अवसर पर रामचंद्र तिवारी, संजय सिंह, उमेश प्रसाद, अनुज प्रसाद, विनोद वर्मा, डा. श्यामनारायण प्रसाद, दीनानाथ विश्वकर्मा, पुरोहित आचार्य मयंक शास्त्री, प्रदीप शास्त्री, सुनिल संगम, दिनेश यादव, लव सिंह के साथ हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।