विश्व एड्स दिवस पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन
नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर रविवार को सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के सभा कक्ष में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। वहीं शहर में जागरूकता रैली भी निकाली गई जिसमें डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए। कार्यशाला में डॉक्टरों ने एड्स से बचाव एवं उसके इलाज की जानकारी लोगों को दी।
सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव ने कहा कि एचआइवी वायरस है जबकि एड्स इसके विषाणु से होने वाली बीमारियों के समूह का नाम है। एचआइवी जब किसी मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है तो लगभग 8-10 वर्ष तक या कई बार इससे अधिक समय में रोगों से लड़ने की क्षमता को धीरे-धीरे कम करता है। उन्होंने कहा कि अपने साथी के साथ वफादारी और यौन संबंध के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें। लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंक से खून का इस्तेमाल करें। हर बार नई या उबली हुई सुई और सिरिंज का इस्तेमाल करें।
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन ने कहा कि साथ-साथ खाना खाने, सामाजिक व्यवहार जैसे हाथ मिलाना, गले मिलना, बर्तन, कपड़े, बिस्तर, टॉयलेट, टेलीफोन, स्विमिंग पूल आदि के सामूहिक उपयोग से और खांसने, छींकने या हवा से एचआईवी संक्रमण नहीं होता है। उन्होंने कहा कि एचआइवी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने के चार रास्ते हैं। संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संपर्क, सूई या सिरिंज का दोबारा उपयोग, संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने से और संक्रमित मां से उसके होने वाले शिशु को।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शोभा रानी ने कहा कि एचआईवी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। सही जानकारी और उपचार के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से हम इस बीमारी के प्रभाव को कम कर सकते हैं। वहीं संक्रमित व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह संक्रमण छूआछूत से नहीं फैलता है। उपचार के साथ परिवार और समुदाय में नहीं फैले इसके लिए आप स्वयं अलर्ट रहें। क्योंकि आप की एक गलती दूसरे की जिंदगी को खतरे में डाल देगी इसलिए इसका बचाव करें। हम मरीज के साथ हमेशा खड़े हैं।
इस मौके पर अस्पताल के मैनेजर हेमंत राजन, वैक्सीन कोल्डचैन मैनेजर अर्शी अली सहित अन्य मौजूद रहे।