नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। लॉर्ड बुद्धा फाउंडेशन स्कूल के प्रांगण में शनिवार को शिक्षकों के शैक्षणिक विकास हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षण गुणवत्ता को और अधिक सुदृढ़ करना तथा शिक्षकों को आधुनिक, प्रभावी और विद्यार्थी-केंद्रित शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराना था।
कार्यक्रम की शुरुआत लॉर्ड बुद्धा ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन डॉ. धनंजय कुमार, निदेशक सर्वेश कुमार, विद्यालय के प्राचार्य अमित कुमार सोनी, कार्यशाला की रिसोर्स पर्सन डॉ. तान्या घोष, प्रबंधक राकेश कुमार तथा इंद्र कुमार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर की गई।
इस अवसर पर निदेशक सर्वेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि लॉर्ड बुद्धा फाउंडेशन स्कूल कभी भी अनुशासन, संस्कार और शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं करता। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल विषय पढ़ाने वाले नहीं होते, बल्कि वे बच्चों के लिए आदर्श होते हैं। बच्चे अपने शिक्षकों के आचरण, भाषा, सोच और व्यवहार से गहराई से प्रभावित होते हैं। इसलिए शिक्षकों का व्यक्तित्व, अनुशासन और सकारात्मक दृष्टिकोण बच्चों के सर्वांगीण विकास में निर्णायक भूमिका निभाता है।
उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि शिक्षक यदि स्वयं सीखने के लिए सदैव तत्पर रहें, समय के साथ स्वयं को अपडेट करें और बच्चों को प्रेम, धैर्य एवं समझदारी के साथ मार्गदर्शन दें, तो शिक्षा के उत्कृष्ट परिणाम स्वतः सामने आते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में संस्था बच्चों को और भी बेहतर, आधुनिक तथा मूल्यपरक शिक्षा प्रदान करेगी।
वहीं चेयरमैन डॉ. धनंजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि आज की शिक्षा का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम पूरा करना नहीं, बल्कि बच्चों के कोमल मन को उनकी भाषा, स्तर और रुचि के अनुसार समझाकर उन्हें सीखने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि एक संवेदनशील और सजग शिक्षक ही बच्चों में आत्मविश्वास, नैतिकता और सकारात्मक सोच विकसित कर सकता है।
लगभग चार घंटे तक चली इस कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन डॉ. तान्या घोष ने शिक्षकों को बाल मनोविज्ञान, प्रभावी शिक्षण तकनीकों, कक्षा प्रबंधन, तथा सीखने को रुचिकर बनाने के व्यावहारिक तरीकों पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि शिक्षक किस प्रकार विद्यार्थियों की रुचि और सीखने की शैली को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई को सरल, रोचक और परिणामोन्मुख बना सकते हैं।
कार्यक्रम में विद्यालय के लगभग 70 शिक्षक उपस्थित रहे। सभी शिक्षकों ने कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी, ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के कोऑर्डिनेटर संजीत कुमार ने अत्यंत कुशलता एवं प्रभावशाली ढंग से किया। अंत में विद्यालय प्रबंधन की ओर से सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
यह कार्यशाला शिक्षकों के व्यावसायिक विकास के साथ-साथ विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुई।