नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
बोधगया। मगध विश्वविद्यालय, बोध गया और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर (मध्य प्रदेश), जिसे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने ए++ श्रेणी प्रदान की है, के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस पहल का उद्देश्य परस्पर शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देना और एक विशिष्ट कार्य प्रणाली विकसित करना है। ग्वालियर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में पहले चरण में जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार आचार्य, कुलसचिव प्रो. राकेश कुशवाह तथा मगध विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रो. मुकेश कुमार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
इसके बाद बुधवार को मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही और कुलसचिव प्रो. विनोद कुमार मंगलम के हस्ताक्षर से इसे पूर्ण रूप से लागू किया गया।कुलपति प्रो. शाही ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के बीच हुए समझौते शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नए अवसर खोलते हैं। इससे छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग, क्रेडिट हस्तांतरण और द्वैध उपाधि प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। छात्र अपनी शिक्षा को वैश्विक दृष्टिकोण से समृद्ध कर सकेंगे और विद्यार्थी विनिमय कार्यक्रम के माध्यम से अलग-अलग अध्ययन पद्धतियों का अनुभव प्राप्त कर पाएंगे।
इस समझौते से शिक्षकों और शोधार्थियों को भी अपने शोध कार्य को साझा तरीके से आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा। दोनों विश्वविद्यालयों के शिक्षक और शोध छात्र संगोष्ठी, कार्यशाला, व्याख्यान और साझा शोध परियोजनाएँ कर सकेंगे। इससे संयुक्त शोध पत्रों और पुस्तकों के प्रकाशन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
इस अवसर पर प्रो. शाही के साथ विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. एस. एन. पी. दीन, विधि संकायाध्यक्ष, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रो. मुकेश कुमार, सह-समन्वयक एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. पार्थ प्रतिम दास तथा अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।