नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर तेज प्रताप यादव सुर्खियों में हैं। लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बड़े पुत्र तेज प्रताप इस बार अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के टिकट पर वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से मैदान में उतर रहे हैं। यही वह सीट है, जहां से उन्होंने 2015 में अपनी राजनीतिक पारी की धमाकेदार शुरुआत की थी। महुआ सीट तेज प्रताप के लिए केवल एक चुनावी क्षेत्र नहीं, बल्कि उनके राजनीतिक करियर का प्रतीक बन चुकी है। यही से उन्होंने अपनी सियासी पहचान बनाई थी, और अब वे अपने पुराने गढ़ को दोबारा फतह करने की कोशिश में हैं।
तेज प्रताप के सामने दोहरी चुनौती है — एक तरफ अपनी राजनीतिक ‘हैट्रिक’ पूरी करने की, और दूसरी ओर राजद से निष्कासन के बाद खुद को एक स्वतंत्र नेता के रूप में साबित करने की। अब देखना यह है कि महुआ की सियासी पिच पर तेज प्रताप अपना ‘तेज’ फिर से दिखा पाते हैं या इस बार मुकाबले की गर्मी में फीके पड़ जाते हैं।
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप ने राजद उम्मीदवार के रूप में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रत्याशी रवीन्द्र राय को 28,155 मतों से हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी महागठबंधन सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप ने महुआ की जगह समस्तीपुर जिले की हसनपुर सीट से किस्मत आजमाई। इस चुनाव में उन्होंने जदयू प्रत्याशी और पूर्व विधायक राजकुमार राय को 21,139 मतों के अंतर से हराकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की।
नीतीश कुमार के जुलाई 2022 में एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में लौटने के बाद तेज प्रताप को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री बनाया गया। लेकिन इस साल मई में एक महिला के साथ उनकी तस्वीर और वीडियो वायरल होने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार, दोनों से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद तेज प्रताप ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी जनशक्ति जनता दल का गठन किया।
अब 2025 के विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप एक बार फिर महुआ से चुनावी समर में हैं। इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है। उनके सामने राजद के मौजूदा विधायक मुकेश रोशन और एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रत्याशी संजय कुमार सिंह जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी हैं।