विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सेमिनार और जागरूकता शिविर
नवबिहार टाइम्स कार्यालय
डिहरी ऑन-सोन। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर उषा श्याम फाउंडेशन और संवेदना न्यूरो साइक्रेट्रिक रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड, ईस्ट जोन इंडियन साइक्रेट्रिस्ट सोसायटी और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन डिहरी डालमियानगर के संयुक्त तत्वावधान में आपदा और आपात स्थितियों में सेवाओं तक पहुंच मानसिक स्वास्थ्य विषय पर विचार गोष्ठी और जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक एवं पूर्वी भारत के जाने–माने मनो रोग विशेषज्ञ डा. उदय कुमार सिन्हा ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1992 में की थी जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना और समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिवस मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिता को सामने लाने और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता तथा पहुंच पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देता है।
उन्होंने आपदाओं, प्राकृतिक विपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की तत्काल जरूरत और उनके प्रभाव पर प्रकाश डाला। डा. सिन्हा ने कहा कि आपदाओं के समय मानसिक स्वास्थ्य संकट तेजी से बढ़ जाता है और प्रभावित व्यक्तियों के लिए त्वरित मानसिक स्वास्थ्य सहायता जीवन रक्षक साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि संकट की स्थिति में समुदाय, परिवार और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच समन्वय मानसिक स्वास्थ्य बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस अवसर पर सब जज चंदन वर्मा एवं वरिष्ठ चिकित्सक डा. आर डी सिंह ने मानसिक स्वास्थ्य के चिकित्सकीय, न्यायिक समेत विभिन्न बिदुओं पर चर्चा की जैसे कि तनाव और चिता का प्रभाव, ट्रॉमा प्रबंधन, मनोवैज्ञानिक प्राथमिक सहायता, बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल और आपदाओं के बाद पुनर्वास की रणनीतियां। उपस्थित नागरिकों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मिथकों और सामाजिक कलंक को दूर करने के लिए मार्गदर्शन भी दिया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं था बल्कि लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, स्वयं सहायता के उपाय और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों तक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना भी था। विशेषज्ञों ने सभी उपस्थित लोगों से अपील की कि वे मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लें, संकट की स्थिति में मदद लेने में हिचकिचाएं नहीं और समाज में जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर संस्थान की ओर से यह भी बताया गया कि नियमित मानसिक स्वास्थ्य जाँच, योग, ध्यान और सामाजिक समर्थन नेटवर्क से मानसिक स्वास्थ्य को स्थायी रूप से मजबूत किया जा सकता है।
इस अवसर पर वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. रागिनी सिन्हा, नवबिहार टाइम्स के संपादक कमल किशोर, अधिवक्ता उमाशंकर पांडेय, न्यूरो सर्जन डा. अमित कुमार, डा. सत्येंद्र शंकर, डॉ मालती पांडेय, डॉ अमिताभ सिंह, पूर्व प्राचार्य दिग्विजय सिंह, हजारी सिंह, दामोदर दास गुप्ता, बद्री सिंह, डीएन सिंह, वरिष्ठ व्यवसायी उदय शंकर समेत शहर के चिकित्सा, मीडिया समेत शिक्षा क्षेत्र की जानी मानी हस्तियां उपस्थिति थी। आगतों का स्वागत संस्थान की निदेशक डा. मालिनी राय ने किया।