गायत्री शक्तिपीठ में विशाल नारी जागरण सम्मेलन का आयोजन
नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान व जिला गायत्री परिवार ट्रस्ट औरंगाबाद के निर्देशन में रविवार को गायत्री शक्तिपीठ में विशाल नारी जागरण सम्मेलन का आयोजन किया गया। शातिकुंज, हरिद्वार से आई नारी जागरण अभियान की प्रतिनिधि लता जायसवाल, राजकुमारी शर्मा एवं जाग्रति शर्मा ने कार्यक्रम की शुरुआत गायत्री मंत्र के साथ की। इसके बाद मुख्य अतिथि गया जी उपजोन प्रतिनिधि गायत्री देवी, जिला पार्षद उपाध्यक्ष किरण सिंह व डॉ. उजाला शातिकुंज, प्रतिनिधि लता जायसवाल, राजकुमारी शर्मा एवं जाग्रति शर्मा ने दीप प्रज्जवलन किया।
इस दौरान सुधा सिंह, रुबी सिंह, श्रेया कुमारी, प्रिया कुमारी, रिंकी देवी, ममता देवी, प्रियंका देवी, रंगोली देवी, अनीता देवी, बिंदु देवी ने शांतिकुंज प्रतिनिधिओं एवं मुख्य अतिथियों को चन्दन तिलक, पुष्प माल्यार्पण तथा मंत्र चादर भेंट कर उनका स्वागत किया। नारी जागरण विषय पर ललित शर्मा, सुमन सिंह, राजकुमारी शर्मा, जाग्रति शर्मा ने प्रज्ञा गीत प्रस्तुत किया। स्वागत गान नृत्य प्रस्तुति साक्षी कुमारी, प्रीति कुमारी, कोमल कुमारी ने किया।
शांतिकुंज प्रतिनिधि लता जायसवाल ने कहा नारी शक्ति है, सृजेता है, निर्मात्री है। वह अपनी सन्तान, अपने पति व परिवार का निर्माण करती है। आदर्श माता के रूप में मदालसा, जीजाबाई, अनुसूया, शकुन्तला, सीता आदि का नाम जगत प्रसिद्ध है। पति का निर्माण एवं उन्हें धर्माचरण हेतु उपदेश देने वाली पति के लिए गुरु की भूमिका निभाने वाली रत्नावली, विद्योत्तमा, मन्दोदरी आदि हैं। नारी का संस्कार व संस्कृति कह संवाहिका है। नारी के द्वारा ही संस्कृति जीवन्त रहती है उसी के द्वारा अगली पीढ़ी संचारित होती है।
गायत्री देवी ने कहा कि माता धात्री ही नहीं निर्मात्री भी है। घर परिवार में संस्कारों को जागृत करने का कार्य मातृशक्ति ही करती हैं। उन्होंने घर-परिवार में बच्चों को संस्कार से जोड़ने के लिए माता-बहनों से आह्वान किया। जिला गायत्री परिवार ट्रस्ट औरंगाबाद की ट्रस्टी विभा सिंह ने नारी जागरण कार्यशाला का संचालन किया। कार्यक्रम में 800 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।