देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती को “मेधा दिवस” के रूप में मनाया गया
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती को “मेधा दिवस” के रूप में उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राजेन्द्र स्मृति संग्रहालय परिसर में आयोजित प्रार्थना सभा से हुआ। इसके उपरांत देशरत्न सभागार में “प्रतिभाशाली शिक्षार्थियों का पोषण” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की पहचान एवं संवर्धन पर विस्तृत चर्चा की गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार विद्यापीठ के अध्यक्ष विजय प्रकाश ने की। अपने प्रेरणादायी संबोधन में उन्होंने कहा कि “मेधा दिवस मनाने का उद्देश्य तभी सार्थक होगा जब हम देश के मेधावी बच्चों की खोज, पहचान और प्रोत्साहन की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। हमारी अधिकांश शैक्षिक योजनाएँ औसत बुद्धिमत्ता वाले बच्चों के लिए तैयार होती हैं, जबकि नैसर्गिक प्रतिभाशाली बच्चों के लिए विशेष रणनीतियों की आवश्यकता है।”

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन तथा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। अतिथियों का स्वागत बिहार विद्यापीठ के सचिव डॉ. राणा अवधेश ने किया। उन्होंने पावर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से मेधावी बालकों की विशेषताएँ तथा उनके लिए आवश्यक शैक्षणिक हस्तक्षेपों की जानकारी दी। उद्घाटन सत्र का समापन बिहार विद्यापीठ की निदेशक शिक्षा, संस्कृति एवं संग्रहालय डॉ. मृदुला प्रकाश द्वारा आभार ज्ञापन के साथ हुआ।

द्वितीय सत्र का संचालन विषय विशेषज्ञ डॉ. शशिधर गुप्ता, एस. एन. सिन्हा महाविद्यालय, जहानाबाद के मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष एवं सहायक प्रोफेसर डॉ. शशिधर गुप्ता ने किया। इस तकनीकी सत्र में प्रशिक्षुओं के लिए संवेगात्मक बुद्धि, प्रतिभाशाली बालकों की पहचान एवं उनकी अधिगम रणनीतियों पर आधारित विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। ये अभ्यास न केवल रोचक थे बल्कि प्रतिभागियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक भी सिद्ध हुए। प्रशिक्षुओं की उत्साही भागीदारी ने सत्र को विशेष रूप से सफल बनाया।
मंच संचालन बी.एड प्रथम वर्ष के प्रशिक्षु मिथुन एवं अर्चना ने संयमित एवं प्रभावी तरीके से किया। कार्यक्रम में बिहार विद्यापीठ के वित्त मंत्री नीरज सिन्हा, संयुक्त सचिव अवधेश के. नारायण, एआईसी के सीओ प्रमोद कर्ण, इसरो के वैज्ञानिक प्रो. एस. नारायण, महाविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी एवं बी.एड प्रशिक्षु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।