कार्यकर्ताओं ने दी जमानत जब्त कराने की धमकी, कहा- हार तय
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। एनडीए द्वारा औरंगाबाद जिले की छह विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के साथ जहाँ एक ओर सियासी तस्वीर साफ होती दिख रही है, वहीं नबीनगर सीट पर जदयू उम्मीदवार चेतन आनन्द को लेकर अंदरूनी विरोध खुलकर सामने आ गया है।
स्थानीय कार्यकर्ताओं और मतदाताओं ने ‘बाहरी प्रत्याशी’ बताकर चेतन आनन्द के खिलाफ नाराजगी जताई है और यहां तक कि उनकी जमानत जब्त कराने की धमकी तक दे डाली है। जदयू ने इस बार नवीनगर से पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह का टिकट काटकर चेतन आनन्द को उम्मीदवार बनाया है। चेतन, पूर्व सांसद आनन्द मोहन और पूर्व विधायक लवली आनन्द के पुत्र हैं। पार्टी नेतृत्व ने उनके परिवार के सामाजिक प्रभाव और स्वजातीय समीकरणों को देखते हुए उन पर दांव लगाया है।
उल्लेखनीय है कि चेतन की मां लवली आनन्द 1997 में नवीनगर से विधायक रह चुकी हैं। लेकिन इस निर्णय से पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह के समर्थक गहरे असंतोष में हैं। वीरेंद्र सिंह न केवल इस क्षेत्र के पुराने और प्रभावशाली नेता हैं, बल्कि वे 1996 में औरंगाबाद से सांसद रह चुके हैं और 1995, 2010 तथा 2015 में नवीनगर से जदयू के टिकट पर जीत भी दर्ज कर चुके हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि पार्टी ने स्थानीय भावनाओं की अनदेखी कर बाहरी उम्मीदवार थोप दिया है। नवीनगर में कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया जबकि कुछ पंचायतों में बैठकें कर यह तय किया गया कि अगर पार्टी ने निर्णय वापस नहीं लिया तो चेतन आनन्द की जमानत जब्त कराई जाएगी।
इसके पहले पटना में भी पार्टी कार्यालय और मुख्यमंत्री निवास के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया था उधर, जदयू नेतृत्व ने इन नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की कवायद शुरू कर दी है, लेकिन स्थिति अभी नियंत्रण में नहीं आई है। स्थानीय राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगर बगावत की यह चिंगारी समय रहते नहीं बुझाई गई, तो यह सीट एनडीए के लिए मुश्किल साबित हो सकती है। हालांकि नवीनगर में जारी अंदरूनी कलह से यह सवाल जरूर उठने लगा है कि क्या एनडीए अपने ही कार्यकर्ताओं की नाराजगी शांत कर पाएगा या यह विरोध चुनावी समीकरण बिगाड़ देगा।