10 दिवसीय शिविर में देशभर से महिला-पुरुष कार्यकर्ताओं की भागीदारी
नवबिहार टाइम्स संवाददाता
फुलवारी शरीफ। बिहार में एक बार फिर कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की कवायद शुरू हो चुकी है. राहुल गांधी के लगातार दौरों और भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब कांग्रेस सेवा दल ने संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ प्रखंड के आलमपुर गोनपुरा पंचायत स्थित गोनपुरा गांव में सेवा दल का 10 दिवसीय चिंतन शिविर शुरू किया गया है, जो 22 जून से 1 जुलाई तक चलेगा. कांग्रेस सेवा दल का यह चिंतन शिविर पार्टी के पुनर्जीवन की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि यह शिविर न सिर्फ संगठन को मजबूत करेगा, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों में कार्यकर्ताओं की भूमिका को और भी प्रभावशाली बनाएगा।
इस चिंतन शिविर के माध्यम से कांग्रेस पार्टी आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करना चाह रही है और संगठन में नई ऊर्जा का संचार करने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि सेवा दल की स्थापना 1 जनवरी 1924 को हुई थी और यह संगठन कांग्रेस की रीढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि बिहार में 46 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद सेवा दल का चिंतन शिविर आयोजित किया गया है, जो पार्टी के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
राजेश राम ने कहा कि चिंतन शिविर के माध्यम से कार्यकर्ताओं को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक कैसे पहुंचाया जाए, नए लोगों को संगठन से कैसे जोड़ा जाए और पार्टी में अनुशासन कैसे बनाए रखा जाए. उन्होंने कहा कि बिहार में स्मार्ट मीटर के खिलाफ सेवा दल ने व्यापक जनअभियान चलाया, जिससे पार्टी को जमीनी समर्थन मिला।
शिविर में गुजरात से पहली बार बिहार आईं महिला कार्यकर्ता तस्लीम ब्लॉच ने कहा कि वह वर्षों से कांग्रेस से जुड़ी हैं और इस शिविर से उन्हें पार्टी को मजबूत करने की रणनीतियों को सीखने का अवसर मिला है. वहीं अरुणाचल प्रदेश से पहुंची टोक्या सिंह ने कहा कि वह नई कार्यकर्ता हैं और चिंतन शिविर के जरिए पार्टी के कामकाज को करीब से देखने और समझने का मौका मिला है।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने फुलवारी शरीफ स्थित इमारत ए शरिया का भी दौरा किया और वक्फ संशोधन के मामले में समुदाय को कांग्रेस पार्टी के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यक अधिकारों के पक्ष में हमेशा खड़ी रही है।