नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
रांची। पूरे देश में समाचार पत्र उद्योग के समक्ष गहराते संकट और मौजूदा समस्याओं को दूर करने के लिए नवगठित अखिल भारतीय समाचार पत्र प्रकाशक-संपादक संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक कल 15 जनवरी को रांची प्रेस क्लब के सभागार में होगी। संघ के संयोजकद्वय कमल किशोर एवं अशोक कुमार ने बताया कि आज देश का समाचार पत्र उद्योग कई कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा है और इन्हें दूर करने के लिए संघ निरंतर प्रयास करेगा।
उन्होंने बताया कि समाचार पत्र प्रकाशक-संपादक संघ की ओर से समाचार पत्रों खासकर अखबारी कागज (न्यूज प्रिंट) को जीएसटी से मुक्त करने और प्रिंट मीडिया के विज्ञापनों पर लगने वाले जीएसटी को पूरी तरह समाप्त करने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा। इसके साथ 6 वर्षों से विज्ञापन दर को संशोधित करने के मामले को लंबित रखे जाने के समाधान के लिए प्रयास करेगा। संघ की ओर से कहा गया है कि अखबारी कागज, स्याही, मुद्रण में प्रयुक्त होने वाली अन्य सामग्रियों पर जीएसटी लागू किए जाने से अखबार प्रकाशन की लागत में काफी वृद्धि हुई है जबकि दूसरी ओर डीएवीपी का विज्ञापन दर पिछले 6 वर्षों से संशोधित नहीं किया गया है। गौरतलब है कि डीएवीपी (अब केंद्रीय संचार ब्यूरो) की ओर से प्रत्येक 3 वर्ष पर विज्ञापन दर संशोधित करने की परंपरा रही है।
श्री किशोर एवं श्री कुमार ने बताया कि आगामी फरवरी माह के अंत तक नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में समाचार पत्र प्रकाशकों-संपादकों का एक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जिसमें समाचार पत्र उद्योग की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा होगी और इस सिलसिले में समस्याओं के समाधान के लिए संघ का शिष्टमंडल प्रधानमंत्री, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, सूचना एवं प्रसारण सचिव, केंद्रीय संचार ब्यूरो और प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो के महानिदेशक तथा भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक से मिलकर समाचार पत्र उद्योग के समक्ष उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए विचार-विमर्श और आग्रह करेगा।
इसी सम्मेलन को सफल बनाने के सिलसिले में रांची में समाचार पत्र प्रकाशकों-संपादकों की एक महत्वपूर्ण बैठक 15 जनवरी को बुलाई गई है जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि समाचार पत्र उद्योग पर गहराते संकट को दूर करने के लिए अपेक्षित कदम नहीं उठाए गये तो लोकतंत्र के चौथा स्तंभ का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।