आरा। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
बिहार के भोजपुर जिले के पैरालंपिक खिलाड़ी धीरज ने अपने हौसलों के आगे कभी भी अपनी दिव्यांगता को आड़े नहीं आने दिया और लगातार कई इंटरनेशनल, नेशनल अवार्ड जीत भोजपुर का नाम रोशन किया। जिले के जगदीशपुर प्रखंड अंतर्गत ककीला गांव में ई-रिक्शा चलाते हुए धीरज को हमेशा देखा जाता है।
पैरालंपिक खिलाड़ी धीरज कुमार का कहना है कि अगर भारत सरकार एवं बिहार सरकार मदद करें तो मैं देश के लिए खेलूंगा और ओलंपिक पदक भी जीतूंगा। आपको बता दूं कि धीरज कुमार पैरा ओलंपिक रग्बी एवं बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं। गांव के लोगों की माने तो खेल का इतना जुनून है कि सुबह दो घंटे तक प्रैक्टिस करते हैं और 9 से 12 बजे तक घर की जीविका चलाने के लिए ई-रिक्शा चलाते हैं। शाम को मछली का व्यवसाय करते हैं।
धीरज बचपन से दिव्यांग नहीं है, उनके साथ 2016 में एक सड़क दुर्घटना हो गया था जिसमें आधा शरीर पैरालिसिस मार दिया है। फिर भी अपनी हौसला को नहीं हारा और खेल के प्रति धीरे-धीरे रुचि बढ़ता ही चला गया। गरीबी ने धीरज के हौसलों को रोकने पर मजबूर कर दिया। फिर भी धीरज ने हार नहीं माना, अपने लिए एक ईरिक्शा खरीदा और उसी से अपना परिवार पालना शुरू किया।