भूमि के अधिग्रहण पर कुल 2 अरब 84 करोड़ होंगे खर्च, बिहार के औद्योगिक नक्शे पर चमकेगा नया सितारा
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के औद्योगिक विकास को एक नई गति देने वाली महत्वाकांक्षी योजना को राज्य सरकार की स्वीकृति मिल गई है। राज्य मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए कुटुंबा प्रखंड में बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के तहत एक बड़े औद्योगिक केंद्र के निर्माण की मंजूरी दे दी। इस निर्णय से न केवल क्षेत्र में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार, आर्थिक सशक्तिकरण और आधारभूत संरचना के विस्तार को भी नई दिशा मिलेगी। औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु 441.79 एकड़ भूमि के अधिग्रहण पर कुल 2 अरब 84 करोड़ 28 लाख 24 हजार 415 रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस परियोजना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरी झंडी दे दी है, जिससे स्थानीय लोगों में हर्ष की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इसे क्षेत्र के भविष्य को संवारने वाला निर्णय बताया।
औद्योगिक केंद्र : विकास का इंजन बनेगा
इस परियोजना के तहत विकसित किया जाने वाला औद्योगिक केंद्र सिर्फ एक निर्माणाधीन संरचना नहीं, बल्कि एक परिवर्तनकारी पहल होगी। इससे न सिर्फ औरंगाबाद, बल्कि पूरे मगध प्रमंडल में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों की स्थापना की संभावनाओं को नई उड़ान मिलेगी, जिससे स्थानीय उत्पादों को बाज़ार मिलेगा और आत्मनिर्भर बिहार की दिशा में एक ठोस कदम सिद्ध होगा। इस केंद्र की स्थापना से कुटुंबा और आसपास के इलाकों में रोजगार के हजारों नए अवसर सृजित होंगे। स्थानीय युवाओं को हुनर के मुताबिक काम मिलेगा, जिससे बेरोजगारी की समस्या में काफी हद तक कमी आएगी। साथ ही, कुटुंबा क्षेत्र के कृषि-आधारित उत्पादों, जैसे कि तिलहन, दलहन, और सब्जियों के प्रसंस्करण उद्योग लगने की संभावना बढ़ेगी, जिससे किसानों की आमदनी में इज़ाफा होगा।
सामाजिक एवं आर्थिक परिदृश्य में बदलाव
औद्योगिक केंद्र के विकास से क्षेत्र में आधारभूत ढांचे जैसे सड़क, बिजली, जल आपूर्ति, परिवहन और डिजिटल नेटवर्किंग को बेहतर किया जाएगा। इससे स्थानीय जीवनस्तर में व्यापक सुधार आएगा। साथ ही, क्षेत्रीय बाजारों, छोटे व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के लिए नए अवसर खुलेंगे, जिससे संपूर्ण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आएगा। स्वीकृति की घोषणा होते ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग को साकार करता है। उन्होंने आशा जताई कि सरकार इसे समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित करेगी ताकि इसका लाभ जल्द से जल्द जनता को मिल सके। कुटुंबा प्रखंड में प्रस्तावित यह औद्योगिक केंद्र सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि औरंगाबाद जिले के आर्थिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन सकता है। यह निर्णय बताता है कि सरकार अब जिला स्तर पर संतुलित और समावेशी विकास को लेकर गंभीर है। यदि इसे प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया गया, तो यह क्षेत्र राज्य के प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सकता है।