सेंटर की तत्परता से रूबी देवी सकुशल लौटी घर, परिवार के चेहरे पर लौटी मुस्कान
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
गयाजी। एक हताश और टूट चुके परिवार के चेहरे पर दो महीने बाद मुस्कान लौट आई, जब वन स्टॉप सेंटर, गया की तत्परता और संवेदनशीलता से भटकी हुई महिला रूबी देवी को सुरक्षित घर पहुंचाया गया। यह घटना सिर्फ एक पुनर्मिलन नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र की संवेदनशील सक्रियता की मिसाल बन गई है। रूबी देवी, पति मिथिलेश यादव निवासी खरखुरा, गया की रहने वाली हैं और वर्तमान में आठ माह की गर्भवती हैं। वह सब्जी बेचने का काम करती थीं।
दो महीने पहले सब्जी बेचते वक्त गलती से ट्रेन से पश्चिम बंगाल की ओर भटक गईं और तभी से परिवार के संपर्क से बाहर हो गईं। उनके परिवार के लोग अशिक्षित और संसाधनहीन होने के कारण थाना या किसी अन्य माध्यम से सूचना नहीं दे सके। वे सिर्फ अपने जानने वालों और आस-पड़ोस में तलाश करते रहे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। मानसिक तनाव की स्थिति ऐसी थी कि परिवार वाले कई-कई दिनों तक खाना नहीं खा पा रहे थे।
इस बीच 7 जून की शाम को पुरुलिया वन स्टॉप सेंटर से गया के वन स्टॉप सेंटर को सूचना मिली कि एक महिला पिछले दो महीनों से सदमे में है और वह लगातार कभी खरखुरा, कभी गुरुद्वारा रोड, तो कभी स्टेशन रोड जैसी जगहों का नाम ले रही है। हालांकि, महिला मानसिक रूप से अत्यधिक परेशान थी और कोई ठोस जानकारी नहीं दे पा रही थी।
गया वन स्टॉप सेंटर की आरती कुमारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए डेल्हा थाना की सहायता से तत्परता दिखाई और मात्र 24 घंटे के भीतर महिला के परिवार का पता लगाकर उन्हें सूचित किया गया। रविवार को रूबी देवी को सकुशल उनके परिजनों को सौंप दिया गया। महिला को देखते ही परिवार की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। रूबी देवी ने भी अपने छोटे बच्चे और पति को गले लगाकर रोते हुए कहा, “अब मैं घर आ गई हूं… मेरे अपने मुझे मिल गए।” यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर गया।