मेडिकल टीम की देरी बनी वजह, उठे स्थायी चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की मांग
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
गयाजी। गयाजी जंक्शन पर एक 60 वर्षीय यात्री की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मृतक की पहचान गया जिले के टिकारी निवासी शिव कुमार शर्मा के रूप में हुई है, जो अपनी पत्नी विमला देवी के साथ धनबाद जाने के लिए स्टेशन पर पहुंचे थे। प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी कर रहे रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान आशीष कुमार की सतर्कता और संवेदनशीलता के बावजूद यात्री को बचाया नहीं जा सका। बताया गया कि फुट ओवर ब्रिज पर ही यात्री की हालत बिगड़ने पर आरक्षी आशीष ने तत्काल सीपीआर देकर जान बचाने की कोशिश की और अन्य यात्रियों के सहयोग से उन्हें प्लेटफॉर्म तक लाया गया।
मदद आई लेकिन देर से
आरपीएफ पोस्ट प्रभारी निरीक्षक बनारसी यादव ने बताया कि सोमवार शाम 6:30 बजे ही चिकित्सा सहायता के लिए डिप्टी स्टेशन अधीक्षक एवं मेडिकल टीम को सूचना दे दी गई थी, लेकिन गयाजी रेल अस्पताल से मेडिकल टीम डॉ. विकास कुमार के नेतृत्व में करीब 7:10 बजे पहुंची, तब तक यात्री की मृत्यु हो चुकी थी। डॉक्टर ने मौके पर पहुंचकर मृत्यु की पुष्टि की।
देरी बनी जानलेवा, उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे अस्पताल की आपातकालीन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गौरतलब है कि पूर्व में भी हावड़ा–बीकानेर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में छट्ठू जायसवाल नामक यात्री की तबीयत बिगड़ने पर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा स्वयं न जाकर एक ड्रेसर को भेजा गया था। उस समय भी जवाबदेही से बचने के आरोप लगे थे।
जाम ने बिगाड़ी व्यवस्था
सूत्रों के अनुसार रेलवे अस्पताल से स्टेशन तक एम्बुलेंस की देरी का मुख्य कारण रास्ते में लगातार लगने वाला ट्रैफिक जाम है। रेलवे गुमटी नंबर एक के पूरबी गेट के पास अवैध दुकानों और सड़क किनारे अतिक्रमण से जाम की स्थिति बनी रहती है। स्टेशन परिसर के पुनर्विकास कार्य और अनियंत्रित वाहन पार्किंग भी समय पर एम्बुलेंस की आवाजाही में बाधक बन रहे हैं।
स्थायी चिकित्सा केंद्र की मांग तेज
पूर्व मध्य रेल के डीडीयू मंडल के यात्री परामर्शदातृ समिति के पूर्व सदस्य डॉ. विनोद कुमार मंडल ने रेल मंत्री से गयाजी जंक्शन पर स्थायी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ, आपातकालीन दवाओं की उपलब्धता और एक मेडिकल स्टोर की स्थापना की मांग की है। उन्होंने कहा कि गयाजी जैसे व्यस्त जंक्शन पर हर दिन हजारों यात्री गुजरते हैं, ऐसे में एक सक्षम और त्वरित चिकित्सा सुविधा का अभाव भविष्य में और भी बड़े हादसों को न्योता दे सकता है। रेलवे प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन लगातार हो रही चूक और यात्रियों की जान से जुड़ी घटनाएं व्यवस्था में सुधार की सख्त मांग कर रही हैं।