महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में एमयू हिन्दी विभाग का भव्य समारोह
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
बोधगया। मगध विश्वविद्यालय, बोधगया ने अपने स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के तत्वावधान में महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में हिंदी दिवस का भव्य आयोजन किया। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही ने की। इस अवसर पर हिंदी भाषा के महत्व, उसकी वैश्विक संभावनाओं और मातृभाषा के रूप में सम्मान की आवश्यकता पर गहन विचार-विमर्श हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. पूरनचंद टंडन उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में मगध विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो. वंशीधर लाल और महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की स्कूल ऑफ लैंग्वेज की अधिष्ठाता प्रो. प्रीति सागर शामिल थीं। कुलसचिव प्रो. विनोद कुमार मंगलम सह-संरक्षक के रूप में मौजूद रहे। समारोह में गायिका डिंपल भूमि की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया।
कुलपति प्रो. शाही ने अपने उद्बोधन में कहा, “हिंदी को यदि घर और समाज में सम्मान नहीं मिलेगा, तो यह विश्व में अपनी पहचान कैसे बनाएगी? रूस, चीन और जर्मनी जैसे देश अपनी मातृभाषा से विश्व में ख्याति अर्जित कर सकते हैं, तो हिंदी क्यों नहीं?” उन्होंने नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को दिए गए महत्व की सराहना की और हिंदी विभाग की उपलब्धियों को अन्य विभागों के लिए प्रेरणादायक बताया।
प्रो. प्रीति सागर ने कहा कि हिंदी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश को एकजुट रखा। उन्होंने जोर दिया कि हिंदी अब केवल संवाद की भाषा नहीं, बल्कि शिक्षा, रोजगार और वैश्विक मंचों पर संवाद की भाषा बन चुकी है। प्रो. वंशीधर लाल ने हिंदी को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह ज्ञान-विज्ञान और सम्मान की भाषा के रूप में विकसित हो रही है।
मुख्य अतिथि प्रो. टंडन ने कहा, “हिंदी हमारी स्मृति, संस्कृति और शोध की भाषा है। यह शिक्षा, तकनीक और मीडिया जैसे क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रही है।” उन्होंने बताया कि हिंदी में निपुण व्यक्ति को विज्ञापन, फिल्म और डिजिटल क्षेत्रों में रोजगार के अपार अवसर मिल सकते हैं।
हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. बृजेश कुमार राय ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इतने बड़े स्तर पर हिंदी दिवस का आयोजन विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने इसकी सफलता का श्रेय कुलपति प्रो. शाही के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया। समारोह में प्रो. शाही ने घोषणा की कि प्रो. राय को आगामी दीक्षांत समारोह में डी.लिट्. की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।
प्रो. विनोद कुमार मंगलम ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा, “हिंदी हमारी गर्व की भाषा है। यह हमारे सपनों, दर्द और खुशी की भाषा है। हमें अंग्रेजी का तिरस्कार नहीं, बल्कि हिंदी से प्रेम करना है।” समारोह का संचालन डॉ. परम प्रकाश राय ने बखूबी किया। विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति ने समारोह को और भी यादगार बनाया।