नवबिहार टाइम्स संवाददाता
पतरातू (रामगढ़)। एनटीपीसी की सहायक इकाई और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के संयुक्त उद्यम पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) ने अपनी प्रमुख विद्युत परियोजना (चरण-I, 3×800 मेगावाट) की यूनिट-1 का 72 घंटे का सफल ट्रायल ऑपरेशन 16 अक्टूबर को पूर्ण कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। यह सफलता झारखंड की विद्युत अवसंरचना को सुदृढ़ करने, राज्य की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने तथा भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं में सार्थक योगदान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना की नींव भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 मई 2018 को रखी गई थी।
इस माइलस्टोन अवसर पर ए.के. सहगल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), पीवीयूएनएल; अनुपम मुखर्जी, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना); मनीष क्षेत्रपाल, महाप्रबंधक (ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस); विष्णु दत्ता दास, महाप्रबंधक (परियोजना); ओ.पी. सोलंकी, महाप्रबंधक (मेंटेनेंस); तथा संगीता दास, महाप्रबंधक (टी एंड एस) सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थिति रहे।
अपने संबोधन में ए.के. सहगल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पीवीयूएनएल ने कहा— “पीवीयूएनएल राज्य झारखंड को अपनी कुल विद्युत उत्पादन का लगभग 85% हिस्सा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि हमारे कर्मियों के अथक प्रयासों, झारखंड सरकार के सहयोग और सभी हितधारकों के समर्थन से ही संभव हो सकी है। पीवीयूएनएल में नवीनतम उन्नत तकनीकों को अपनाया गया है जैसे कि— पूरी तरह से ड्राई ऐश यूटिलाइजेशन सिस्टम जो सर्कुलर इकॉनमी को प्रोत्साहित करता है, अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल तकनीक जो कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करती है, और एयर-कूल्ड कंडेंसर (ACC) प्रणाली जो जल संरक्षण एवं सतत विकास सुनिश्चित करती है।”
यूनिट-1 के सफल ट्रायल ऑपरेशन की यह उपलब्धि पीवीयूएनएल, एनटीपीसी, झारखंड सरकार तथा सभी साझेदार संस्थाओं की सामूहिक प्रतिबद्धता और समन्वित प्रयासों का परिणाम है, जिसने राष्ट्र के लिए एक विश्वसनीय, पर्यावरण-अनुकूल और कुशल ऊर्जा तंत्र के निर्माण के लक्ष्य को एक नई दिशा प्रदान की है। परियोजना के पूर्ण रूप से चालू हो जाने पर 3×800 मेगावाट की यह परियोजना झारखंड राज्य में ऊर्जा की उपलब्धता और विश्वसनीयता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएगी, जिससे राज्य के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास को नई गति प्राप्त होगी।