हाजीपुर। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
लोको पायलट रेलवे परिवार के महत्वपूूर्ण सदस्य हैं। ऐसे में रेलवे उन्हें हर तरह की बेहतर सुविधाएं दे रही है। पिछले दस वर्षों में लोकोमोटिव पायलटों की कार्य स्थितियों में बड़े सुुधार किये गये हैं। जब पायलट अपने मुख्यालय से बाहर होते हैं, तब एक यात्रा पूरी होने पर वे आराम के लिए रनिगं रूम में आते हैं। 2014 से पहले रनिगं रूम की हालत बहुत ख़राब थी लेकिन आज रनिगं रूम में काफी सुधार हुआ है। लगभग सभी 558 रनिंग रूम अब वातानकुूलित हैं।
कई रनिगं रूम में फुट मसाजर भी उपलब्ध कराए जाते हैं। लोको पायलटों की कार्य स्थितियों को समझे बिना समाज के कुछ वर्गों द्वारा इसकी आलोचना की गई। पायलट लोको कैब से लोकोमोटिव चलाते हैं। 2014 से पहले कैब की हालत बहुत ख़राब थी। 2014 के बाद से एर्गोनोमिक सीटों के साथ कैब में सधुार किया गया है और 7,000 से अधिक लोको कैब वातानकुूलित हैं। नये लोकोमोटिव का निर्माण वातानकुूलित कैब के साथ ही किया जाता है।
लोको पायलट के ड्यूटी घंटो की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है। यात्राओं के बाद विश्राम भी बहुत सावधानीपूर्वक प्रदान किया जाता है। ड्यूटी के घंटेे निर्धारित समय के भीतर रखे जाते हैं। इस वर्ष जून माह में औसत ड्यूटी घंटेे की अवधि 8 घंंटे से कम है। केवल अत्यावश्यक स्थिति में ही यात्रा की अवधि निर्धारित घंटे से अधिक होती है। पिछले कुछ वर्षों में बड़ी भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई और 34,000 रनिंग स्टाफ की भर्ती की गई है। वर्तमान में 18,000 रनिंग स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। फर्जी खबरों से रेल परिवार को हतोत्साहित करने का प्रयास विफल होगा। पूरा रेल परिवार हमारे देश की सेवा में एकजुट है।
लोको पायलट के लिए उपलब्ध सुविधाएं
वातानकुूलित विश्रामकक्ष (AC रनिगं रूम)- 2004-14 के मध्य शून्य जबकि 2014-24 के मध्य सभी 558 के रनिंग रूम में AC की सुविधा प्रदान की गयी।
इंजन के अंदर वातानकुूलित केबिन (AC लोको कैब)- 2004-14 के मध्य शून्य जबकि 2014-24 के मध्य 7075 लोको में AC की सुविधा प्रदान की गयी।
इंजन के अंदर टायलेट सुविधाएँ- 2004-14 के मध्य शून्य जबकि 2014-24 के मध्य 815 इंजन के अंदर टायलेट की सुविधा प्रदान की गयी।