स्थानीय आजीविका संवर्धन और जलप्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम
नवबिहार टाइम्स संवाददाता
मेदिनीनगर (पलामू)। बटाने नदी के पुनर्जीवन की दिशा में एक ठोस पहल करते हुए जिला स्तर पर गठित तकनीकी टीम ने नदी तट एवं बटाने डेम क्षेत्र का संयुक्त स्थल भ्रमण किया। इस महत्वपूर्ण दौरे का उद्देश्य नदी की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन कर आवश्यक संरचनात्मक और पारिस्थितिकीय जरूरतों की पहचान करना था, ताकि एक व्यापक और व्यावहारिक विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार किया जा सके।
भ्रमण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि नदी के संरक्षण, जलप्रबंधन और इसके आसपास के पर्यावरणीय संतुलन को बहाल करने के लिए बहु-विभागीय समन्वय जरूरी है। नदी के दोनों किनारों पर भूमि संरक्षण कार्यों की योजना भूमि संरक्षण विभाग द्वारा तैयार की जाएगी, जबकि वाटरशेड विकास की योजना महिला एवं वाटरशेड विकास एजेंसी के माध्यम से प्रस्तावित की गई है। नदी में डैम जैसी संरचनाओं का निर्माण और उनका डीपीआर लघु सिंचाई विभाग द्वारा तैयार किया जाएगा। भूमि उपचार और संबद्ध कार्यों को मनरेगा योजना के तहत लागू किया जाएगा।
स्थल निरीक्षण में वन प्रमंडली पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी मेदिनीनगर, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी छत्तरपुर एवं नावडीहा, अंचलाधिकारी हरीहरगंज, डीएमएफटी परियोजना पदाधिकारी, लघु सिंचाई विभाग और मनरेगा के अभियंताओं समेत संबंधित प्रखंडों के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
अधिकारियों ने माना कि बटाने नदी के संरक्षण और पुनर्जीवन से न केवल जल संकट के समाधान में मदद मिलेगी, बल्कि इससे क्षेत्रीय आजीविका के नए अवसर भी सृजित होंगे। टीम की ओर से आगामी दिनों में एक ठोस और व्यवहारिक डीपीआर तैयार कर राज्य और केंद्र सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। यह संयुक्त प्रयास बटाने नदी के दीर्घकालिक संरक्षण, पर्यावरणीय पुनर्स्थापन और स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है।