नवबिहार टाइम्स संवाददाता
मदनपुर। मदनपुर प्रखंड के ऐतिहासिक, धार्मिक, अध्यात्मिक और पौराणिक धरोहर को संपूर्ण विकसित करने तथा पर्यटकों की सुविधा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा रोपवे लगाने और इलाके की चहुमुखी विकास की योजना बनाई गई थी। मामले की फाइल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंची। इसके बाद फाइल गुम हो गई। यहां भगवान सूर्य की त्रेतायुगिन विशालकाय मंदिर है। हालांकि मंदिर में प्राकृतिक आपदाओं से दरारें उभर गए हैं। इधर मंदिर की पत्थर भी खिसक रहें हैं।
इस धरोहर को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए पुरात्व विभाग के विशेषज्ञों द्वारा सर्वेक्षण भी किया गया था पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंदिर को यथाशीघ्र मरम्मत कार्य और जीर्णोद्धार नहीं कराने की जरूरत है। लाखों भक्तों, श्रद्धालुओं, दर्शनार्थियों जिनकी अटुट आस्था मंदिर से जुड़ी है वे लोग उदासीन है। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्य सरकार के मंत्री, हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति और केंद्र सरकार के मंत्री आकर पूजा–अर्चना किए।
वे लोग यहां की स्थिति और परिस्थिति को बहुत नजदीक से देखें और परखें है। वाबजूद यह स्थल उपेक्षित ही है। हालांकि औरंगाबाद जिले ही नहीं बल्कि पुरे राज्य भर में इस तरह का ऐतिहासिक धार्मिक, अध्यात्मिक और पौराणिक महत्व के साथ प्राकृत्य सौहार्द, मनोहारी परिदृश्य वाला पर्यटन स्थल नहीं है। इस महत्वपूर्ण धरोहर को बचाया जाना जरूरी है।