नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। पटना के स्कूल ऑफ क्रिएटिव लर्निंग (एससीएल) ने एक बार फिर अपने छात्रों में नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में अपनी उत्कृष्टता साबित की है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित इंस्पायर अवार्ड्स – मानक (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशन एंड नॉलेज) 2024-25 के लिए स्कूल के चार छात्रों को चुना गया है। इन चार छात्रों को उनके अभिनव विचारों के लिए चुना गया है: आदित्य गुप्ता, शुभम कुमार, रिया कुमारी एवं सक्षम कुमार। इन छात्रों को उनके प्रोजेक्ट्स को और विकसित करने के लिए 10,000 रुपए की वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। उनके प्रोजेक्ट्स को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओं में प्रदर्शित किया जाएगा, जहाँ से उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने का अवसर मिलेगा।
इंस्पायर अवार्ड्स – मानक एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य स्कूली छात्रों के बीच नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम युवा मस्तिष्कों को वैज्ञानिक और तकनीकी समाधानों के माध्यम से वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके तहत देश भर से एक लाख अभिनव विचारों का चयन किया जाता है, और छात्रों को उनके विचारों को साकार करने के लिए संसाधन प्रदान किए जाते हैं। इन चार छात्रों का चयन स्कूल ऑफ क्रिएटिव लर्निंग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह सफलता स्कूल के नवाचार और समस्या-समाधान को प्रोत्साहित करने के प्रति समर्पण को दर्शाती है।
स्कूल की प्रिंसिपल डॉ मृदुला प्रकाश ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह हमारे स्कूल के मिशन को दर्शाता है, जो छात्रों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए कौशल और आत्मविश्वास से लैस करता है। हमें अपने छात्रों की मेहनत और रचनात्मकता को इस प्रतिष्ठित मंच पर पहचान मिलने पर बहुत गर्व है।” आदित्य, शुभम, रिया और सक्षम अब जिला स्तरीय प्रदर्शनी और प्रोजेक्ट प्रतियोगिता) में अपने प्रोजेक्ट्स को प्रस्तुत करने की तैयारी करेंगे। उनकी यात्रा राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जा सकती है, जहाँ वे दुनिया भर के प्रतिभाशाली युवा मस्तिष्कों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे।
स्कूल ऑफ क्रिएटिव लर्निंग और पटना के लोग इन युवा नवप्रवर्तकों के साथ खड़े हैं और उनकी अगली उपलब्धियों का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। इन छात्रों की सफलता न केवल स्कूल के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह दिखाती है कि युवा मस्तिष्क विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं।