नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
गया। मगध विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में स्नातकोत्तर सत्र 2025–27 के प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए दीक्षारम्भ संस्कार सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नवप्रवेशी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने शैक्षणिक लक्ष्यों एवं आकांक्षाओं को साझा किया। सत्र की शुरुआत परिचय पर आधारित रही, जिसमें विद्यार्थियों ने स्वयं का परिचय देते हुए उच्च शिक्षा के प्रति अपने उद्देश्यों को बताया। इसके बाद विभाग के शिक्षकों ने पाठ्यक्रम की संरचना, विषयवार पेपर्स, और मूल्यांकन प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
अविनाश कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्नातकोत्तर शिक्षा सामान्य अध्ययन से आगे बढ़कर विशेषीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने विद्यार्थियों को शोध क्षेत्र में अपनी रुचियों की पहचान करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. प्रियंका सिंह ने अपने वक्तव्य में राजनीति विज्ञान को सतत विकास लक्ष्यों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जोड़ते हुए विद्यार्थियों को एम्बेसडर कार्यक्रम तथा साइबर सुरक्षा जैसी समसामयिक अवधारणाओं से अवगत कराया।
डॉ. श्रद्धा ऋषि ने नियमित उपस्थिति के महत्व पर बल दिया और कहा कि शिक्षकों की भूमिका विद्यार्थियों के सपनों को साकार करने में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।डॉ. निर्मला कुमारी ने कहा कि राजनीति विज्ञान विषय विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास और करियर निर्माण में एक मजबूत आधार प्रदान करता है, चाहे उनका लक्ष्य किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो।प्रो. एहतेशाम खान ने विद्यार्थियों के समाजीकरण और व्यक्तित्व विकास में कक्षा की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पारंपरिक शिक्षण के साथ-साथ वाद-विवाद, चर्चा और आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना युवा वर्ग के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार घोष ने कहा कि कक्षा में नियमित उपस्थिति शिक्षण प्रक्रिया की आत्मा है। उन्होंने कहा, “विद्यार्थी ही शिक्षक का गहना होते हैं” और यह भी जोड़ा कि विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी से ही शिक्षक बौद्धिक रूप से जीवित रहते हैं।कार्यक्रम का संचालन डॉ. शमशाद अंसारी ने किया। सत्र का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।