नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। रोहतास की जिलाधिकारी उदिता सिंह के द्वारा मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष मे विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया गया कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अधिष्ठापन का कार्य मिशन मोड में कराया जा रहा है तथा यह कार्य मुख्यमंत्री की एक महत्वाकांक्षी योजना है।
जिलाधिकारी के द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर मीडिया के माध्यम से बताया गया की उपभोक्ताओ के परिसर मे स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य प्रगति पर है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर सभी उपभोक्ताओं के परिसर मे निःशुल्क लगाया जा रहा है तथा मीटर लगाते समय कर्मियों का सहयोग करें एवं किसी भी प्रकार के अवरोध उत्पन्न न करें।
विद्युत अधीक्षण अभियंता इंद्रदेव कुमार के द्वारा बताया गया की उपभोक्ताओं के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर पहली बार मीटर रिचार्ज करने हेतु मैसेज प्राप्त होने के बाद दो दिनों का समय दिया जाता है तथा बैलेंस शून्य अथवा निगेटिव होने पर उपभोक्ता को एसएमएस एवं कॉल के माध्यम से रिचार्ज करने हेतु सूचना दी जाती है। उपभोक्ता द्वारा रिचार्ज नहीं करने पर वे दो दिनों तक बिजली का उपभोग कर सकते हैं, इसके बाद भी रिचार्ज नहीं करने पर तीसरे दिन केवल कार्य दिवस को सुबह 10 बजे से दिन के 1 बजे के बीच ही बिजली स्वतः कट जाती है साथ ही साथ रिचार्ज होने के बाद बिजली स्वतः चालू हो जाती है।
बता दें की राज्य सरकार द्वारा निर्धारित छुट्टी एवं रविवार के दिन बिजली नहीं काटी जाती है एवं रात मे भी विद्युत विभाग द्वारा बिजली नहीं काटी जाती है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर एवं नॉर्मल मीटर का टैरिफ एक सामान है व प्रीपेड उपभोक्ता का ऑनलाइन रिचार्ज करने पर 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है। स्मार्ट मीटर से सम्बंधित एप्प के माध्यम से उपभोक्ता दैनिक, साप्ताहिक एवं मासिक बिजली खपत की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगे हुए उपभोक्ता को बिजली बिल जमा करने हेतु बिजली कार्यालय काउंटर पर जाने की आवश्यकता भी नहीं है। उपभोक्ता ऑनलाइन के माध्यम से बिजली बिल जमा कर सकते हैं।
उपभोक्ताओं से आग्रह किया गया है कि स्मार्ट मीटर बदलने के दौरान सहयोग किया जाए। उक्त कार्यों मे किसी भी उपभोक्ताओं के द्वारा बाधा उत्पन्न किया जाता है तो बिहार विद्युत आपूर्ति संहिता की धारा 8.2 एवं 8.6 (सी) के तहत्त कम्पनी हित में कर्तव्य निर्वहन का उल्लंघन मानते हुए परिसर की विद्युत आपूर्ति को काटते हुए सरकारी कार्य में बाधा डालने के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।