नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद । औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में आज एसीजेएम-चार न्यायाधीश प्रदीप चंद्रा ने नवीनगर थाना कांड संख्या 56/10 (ट्रायल संख्या 768/25) में निर्णय सुनाते हुए अभियुक्त जितेन्द्र चंद्रवंशी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। सहायक अभियोजन पदाधिकारी रणबीर कुमार ने जानकारी दी कि अभियुक्त को शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1-बी)ए के तहत तीन वर्ष की कारावास और एक हजार रुपये जुर्माना तथा धारा 26 के तहत दो वर्ष की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। मामले से जुड़े अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि यह घटना 26 मार्च 2010 की सुबह की है, जब नवीनगर थाना कांड संख्या 55/10 के एक अन्य अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अवर निरीक्षक कन्हैया सिंह के नेतृत्व में शस्त्र बलों के साथ रघुनाथगंज में छापेमारी की जा रही थी। इसी दौरान अभियुक्त जितेन्द्र चंद्रवंशी को उसके घर से गिरफ्तार किया गया और तलाशी के क्रम में खाट के तकिये के नीचे से एक देशी पिस्तौल और कुछ कारतूस बरामद किए गए। जब उससे संबंधित वैध दस्तावेज की मांग की गई, तो अभियुक्त कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके बाद पुलिस ने विधिवत जब्ती सूची तैयार कर पिस्तौल और कारतूस को कब्जे में लिया। इस मामले में 14 मई 2010 को आरोप-पत्र दायर किया गया था और 18 मई 2010 को न्यायालय ने अभियुक्त के विरुद्ध संज्ञान लिया था। लंबी सुनवाई प्रक्रिया के बाद 18 मई 2023 को आरोप का गठन किया गया और आज 3 जून 2025 को न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।