संपूर्णता अभियान के पांच मानकों में शत प्रतिशत उपलब्धि
औरंगाबाद। नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
नीति आयोग द्वारा संपूर्णता अभियान के लिए तय किए गए मानकों में औरंगाबाद जिले का प्रदर्शन काफी बेहतर है और इसके छह में से पांच मानकों में औरंगाबाद जिले ने शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर ली है. यह माना जा रहा है की सितंबर 2024 के अंत तक सभी 6 मानकों में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर ली जाएगी. यह जानकारी औरंगाबाद के जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने नवबिहार टाइम्स अखबार से विशेष वार्ता के दौरान कहीं।
जिलाधिकारी ने बताया कि संपूर्णता अभियान के तहत शिक्षा, कृषि (मृदा स्वास्थ्य कार्ड) आदि स्वास्थ्य पोषण आदि 6 मानक निर्धारित किए गए हैं जिनमें से औरंगाबाद जिले का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है. गर्भवती महिलाओं की पहचान तथा उन्हें नियमित चिकित्सीय सहायता देने के मामले में औरंगाबाद जिले में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है. उसी प्रकार 30 वर्ष से अधिक आयु के तमाम नागरिकों के डायबिटीज तथा ब्लड प्रेशर के आंकड़ों को जुटाने में भी औरंगाबाद जिले में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गयी है जो अपने आप में एक बड़ी बात है।
इस लक्ष्य को हासिल करना इतनी बड़ी संख्या को लक्षित रखते हुए बड़ी उपलब्धि है. इसी प्रकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड निर्माण में भी शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है. केवल एक मानक-जीविका में अभी आंकड़े अपलोड किया जा रहे हैं और यह उम्मीद की जा रही है कि सितंबर माह के अंत तक इस छठे मानक में भी शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर ली जाएगी. जिलाधिकारी ने बताया कि यह एक टीम वर्क का परिणाम था जिसमें उन्होंने लगातार बैठक कर प्रगति की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देशन देकर इन उपलब्धियां को हासिल करने के लिए अग्रसर किया. नियमित प्रतिरक्षण के क्षेत्र में भी जिले में बहुत अच्छा काम किया है और वहां भी शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है।
इस बीच जिलाधिकारी के नेतृत्व में राजस्व संबंधित रैंकिंग में औरंगाबाद जिले ने चौथा स्थान प्राप्त किया है और इसकी रैंकिंग में लगातार सुधार हो रहा है. जिलाधिकारी ने बताया कि युद्ध स्तर पर प्रयास कर राजस्व संबंधी गतिविधियों का संचालन तेज किया गया जिसका नतीजा है कि औरंगाबाद जिले की रैंकिंग में अप्रत्याशित सुधार आया है और यह राज्य के टॉप रैंकिंग वाले जिलों की सूची में शामिल हो गया है।
पुनपुन के घाटों का किया जायेगा विकास, विकसित की जायेंगी बुनियादी सुविधाएं
जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि जिले में पुनपुन घाटों विशेषकर सिरिस और जम्होर में घाटों का विकास किया जायेगा और यहाँ बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएँगी. उन्होंने बताया कि पुनपुन नदी के घाटों पर पहला पिंड देने की प्रथा है. पुनपुन नदी को आदि गंगा कहा जाता है और गया में श्राद्ध के पूर्व पिंडदानी पुनपुन नदी के घाटों पर पिंडदान करते हैं. औरंगाबाद में सिरिस पुनपुन घाट जीटी रोड पर स्थित है जहां प्रतिदिन पितृपक्ष में देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु पिंडदान करते हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि उन्होंने इस स्थान की महत्ता के बारे में जानने के बाद पुनपुन नदी के घाटों का निरीक्षण किया तथा पाया कि वहां पर सुविधाओं की कमी है. उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए तथा बताया कि इन पुनपुन घाटों के विकास के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है अब अगले वर्ष पितृपक्ष तक इन घाटों का कायाकल्प कर दिया जाएगा।