आयोग ने ईआरओ और एईआरओ को मानदेय देने का भी किया फैसला
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत निर्वाचक आयोग के सहायक निदेशक अपूर्व कुमार सिंह ने आज एक प्रेस नोट जारी करते हुए बड़ी घोषणा की है। प्रेस नोट में कहा गया है कि
शुद्ध मतदाता सूचियां लोकतंत्र की आधारशिला हैं। मतदाता सूची मशीनरी, जिसमें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, बीएलओ पर्यवेक्षक और बूथ लेवल अधिकारी शामिल हैं। ये सभी कड़ी मेहनत करते हैं और निष्पक्ष एवं पारदर्शी मतदाता सूचियां तैयार करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
इसलिए, निर्वाचन आयोग ने बीएलओ के वार्षिक पारिश्रमिक को दोगुना करने और मतदाता सूचियों की तैयारी एवं पुनरीक्षण में शामिल बीएलओ पर्यवेक्षकों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि करने का निर्णय लिया है। ऐसा संशोधन वर्ष 2015 में किया गया था। साथ ही, पहली बार ईआरओ और एईआरओ के लिए मानदेय प्रदान किया गया है।
इसके अलावा, आयोग ने बिहार से प्रारंभ होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए बीएलओ हेतु 6,000 रुपये के विशेष प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी थी। यह निर्णय निर्वाचन आयोग की उन चुनाव कर्मियों को पर्याप्त मुआवजा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो सटीक मतदाता सूची बनाए रखने, मतदाताओं की सहायता करने और चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए क्षेत्र स्तर पर अथक परिश्रम करते हैं।