एनटीपीसी फेज–2 के निर्माण से लेकर उत्तर कोयल नहर के निर्माण में गति आने की उम्मीद
नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले को नए साल 2025 में कई बड़ी उपलब्धियां मिल सकती हैं जिनमें एनटीपीसी फेज 2 के निर्माण से लेकर उत्तर कोयल नहर के निर्माण में गति भी शामिल है।
विदित हो कि औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड में एनटीपीसी का एक प्रोजेक्ट बिजली उत्पादन कर रहा है जिसकी बिजली उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट है. वर्ष 2024 में केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय तथा एनटीपीसी ने इसी परिसर में 800–800 मेगावाट क्षमता की तीन नई यूनिट की स्थापना का निर्णय लिया है. इसके लिए तमाम कागजी कार्यवाही पूरी कर दी गई है और उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2025 से इनका निर्माण शुरू हो जाएगा. इसे एनटीपीसी नवीनगर फेज टू कहा गया है. इन तीनों यूनिट के निर्माण से नवीनगर स्थित एनटीपीसी पावर प्लांट की उत्पादन क्षमता 4380 मेगावाट हो जाएगी और यह देश के सबसे बड़े विद्युत उत्पादक प्लांट में से एक हो जाएगा. इसी प्रकार नवीनगर में ही स्थित भारतीय रेल बिजली कंपनी के प्लांट में सोलर प्लांट लगाने की योजना की शुरुआत भी इस वर्ष से हो सकती है।
सड़क परिवहन में भी इस वर्ष औरंगाबाद को कई उपलब्धियां हासिल हो सकती हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेस वे के निर्माण की शुरुआत शामिल है. इस एक्सप्रेस वे को कुछ साल पहले केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई थी और इसके लिए भू अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. विभिन्न कंपनियों को काम अलॉट किया जा चुका है और उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष इस बेहद महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा. इसी प्रकार जीटी रोड के सिक्स लेन का निर्माण पिछले कई वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि औरंगाबाद जिले की सीमा के अंतर्गत सिक्स लेन निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है और मार्च 2025 तक औरंगाबाद जिले में इसका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है. इसमें जितने भी ओवर ब्रिज बने थे उनका बेसिक ढांचा तैयार हो गया है तथा एप्रोच रोड का निर्माण भी जारी है।
जसोईया मोड पर भी हाई लेवल एलाइनमेंट का काम लगभग पूरा हो चला है. मदनपुर के पास बनने वाले बाईपास का निर्माण अभी लटका हुआ है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्दी यहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. ट्रैफिक के लिहाज से सबसे बदतर स्थिति औरंगाबाद–पटना एनएच 139 की है. वर्तमान सड़क की हालत बहुत जर्जर है और इसे 4 लेन करने की मांग लंबे अरसे से उठ रही है. सूत्रों के मुताबिक इस सड़क की मरम्मत का ठेका एक कंपनी को दिया जा चुका है और फरवरी माह में इसकी मरम्मत का कार्य शुरू होने की उम्मीद है. इस बीच गया में पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा 5500 करोड़ की लागत से इस सड़क के 4 लेने किए जाने की घोषणा भी की जा चुकी है. उम्मीद की जा रही है की 2025 के अंत तक इस दिशा में कुछ ठोस काम होगा।
आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे से औरंगाबाद जिले को भी काफी लाभ होगा क्योंकि यह औरंगाबाद की सीमा से मात्र 8 किलोमीटर दूर से गुजरेगा. भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रहे पेंच की वजह से इसका काम पिछले कई सालों से अधूरा पड़ा है. सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष भूमि अधिग्रहण के पेंच को दूर कर इसके निर्माण की शुरुआत भी हो सकती है।
रेल यातायात में एक बड़ी उपलब्धि सोनगर बाईपास लाइन है इसके लिए भू अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है और वर्ष 2025 में इसका निर्माण शुरू होने की उम्मीद है. हालांकि बिहटा–औरंगाबाद रेल लाइन परियोजना अभी भी ठंडे बस्ती में है।
अगर चिकित्सा के क्षेत्र की बात करें तो सदर अस्पताल का नया भवन इस वर्ष लोकार्पित हो सकता है. इसके साथ ही औरंगाबाद में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की दिशा में भी ठोस कार्रवाई हो सकती है. इसके लिए कागजी कार्रवाई का कार्य वर्ष 2024 में पूरा हो चुका है और 2025 में सरकार इसके लिए आवंटन कर सकती है. इसी प्रकार ट्रामा सेंटर का निर्माण भी इस वर्ष शुरू होने की उम्मीद है।
कई दशकों से लटकी पड़ी उत्तर कोयल परियोजना में विस्थापितों को मुआवजा देने का कार्य अंतिम चरण में है और माना जा रहा है कि इस वर्ष उसके निर्माण में भी गति आएगी. कुछ अन्य छोटी-मोटी उपलब्धियां भी औरंगाबाद के हिस्से में इस वर्ष आ सकती हैं जिनमें कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण की शुरुआत, सभी पंचायत में खेल मैदान के निर्माण कार्य का पूर्ण होना आदि भी शामिल है।