चुनावी राजनीति की बिसात पर महिला मतदाताओं को रिझाने की कोशिशें जारी
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार पक्ष और विपक्ष की राजनीति महिलाओं के इर्द–गिर्द केंद्रित होती नजर आ रही है और महिला मतदाताओं को रिझाने के लिए हेमंत सरकार तथा एनडीए गठबंधन लगातार प्रयासरत हैं. एक ओर जहां हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना जैसा बड़ा धमाका कर अपने विपक्षियों को चौंका दिया है वहीं दूसरी ओर भाजपा मुख्यमंत्री सोरेन के इस चुनावी दांव की काट के लिए गोगो दीदी योजना जैसी घोषणा कर रही है।
झारखंड की गरीब महिलाओं से जुड़ा यह मुद्दा कितना संवेदनशील है, इसका अंदाजा लगाया इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां पहले हेमंत सोरेन ने 1000 रूपए प्रतिमाह देने की घोषणा की थी वहीं भाजपा ने गोगो दीदी योजना लागू करने और उसमें 2100 तक की मासिक वित्तीय सहायता देने का वायदा किया. जब तक भाजपा इस वायदे को जनता के बीच तक पहुंचा पाती, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तत्काल मंईयां सम्मान योजना के तहत दी जाने वाली राशि को सीधे बढ़कर 2500 कर दिया है।
इसके तहत अब 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग की करीब 53 लाख महिलाओं को सालाना 12000 के बदले अब 30000 रूपए दिए जाएंगे. झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से कुछ देर पहले ही कैबिनेट का यह निर्णय हेमंत सोरेन सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है, हालांकि इस बढ़ोतरी की वजह से राज्य सरकार को इस योजना में लगभग नौ हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।
दरअसल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को न केवल पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया है बल्कि इसके क्रियान्वयन में पूरी मशीनरी झोंक दी है. इस योजना का राजनीतिक लाभ लेने के लिए राज्य सरकार की ओर से राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिला सम्मान यात्रा भी निकाली जा रही है जिसका नेतृत्व कैबिनेट स्तर की मंत्री और स्वयं कल्पना सोरेन कर रही हैं। इसी की काट के लिए भारतीय जनता पार्टी ने गोगो दीदी योजना लाने का ऐलान किया था जिसके तहत राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर प्रतिमाह महिलाओं को 2100 रुपए की राशि देने का वादा किया गया था. अब भाजपा के इस वादे की काट के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने योजना के शुरू होने के 2 महीने में ही इसकी राशि ढाई गुना बढ़ा दी है।
झारखंड की राजनीति की समझ रखने वाले जानते हैं की झारखंड के आदिवासी समाज में महिलाओं की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है और वह न केवल परिवार की आर्थिक दशा बल्कि राजनीतिक दिशा तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका रखती हैं. ऐसे में राज्य की अगर 53 लाख महिलाओं के बैंक अकाउंट में प्रतिवर्ष नियमित तौर पर 30000 भेजे जा रहे हैं तो इतना तय है कि यह महिला मतदाताओं को ध्रुवीकृत करने में काफी हद तक सहायक साबित हो सकता है।
शायद महिला मतदाताओं के इसी प्रभाव को समझते हुए हेमंत सोरेन सरकार ने चुनाव के पूर्व न केवल इस योजना को लांच किया बल्कि इसके तहत तीसरी किस्त की राशि भी महिलाओं के खाते में भेज दी और अब इसकी राशि को लगभग दुगना कर दिया गया है. इतना तो विपक्षी नेता भी मानते हैं की मंईयां सम्मान योजना के तहत दी जा रही सहायता राशि विधानसभा चुनाव में एक महत्वपूर्ण बिंदु साबित हो सकती है और इसीलिए भाजपा नेतृत्व ने गोगो महिला योजना लाने का आश्वासन दिया है. अब देखना है कि पक्ष और विपक्ष में से किसके दावे को झारखंड की महिलाएं अपना समर्थन देती हैं।