औरंगाबाद : आवागमन सुविधा में क्रांतिकारी बदलाव की ओर अग्रसर
कमल किशोर
औरंगाबाद। बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग की पहल पर औरंगाबाद जिले में ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर सड़क संपर्क से जोड़ने की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) और मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत इस साल जिले को 500 से अधिक सड़कों और तीन दर्जन से अधिक पुल-पुलियों का उपहार मिलने वाला है। इससे न केवल आवागमन सुविधाओं में वृद्धि होगी बल्कि जिले के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी।
ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता मोहम्मद अरशद ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कुल 439 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में 115 किलोमीटर की 80 सड़कों, नबीनगर में 198 किलोमीटर की 123 सड़कों, ओबरा में 83 किलोमीटर की 48 सड़कों, गोह में 130 किलोमीटर की 80 सड़कों, औरंगाबाद में 105 किलोमीटर की 62 सड़कों और कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र में 74 किलोमीटर की 44 सड़कों का निर्माण शामिल है।
श्री अरशद ने बताया कि छोटे टोले और बसावटों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए सर्वेक्षण कार्य मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा रहा है। आगामी 28 फरवरी तक विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) मुख्यालय को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक चयनित सड़कों के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत जिले में 152 पुल-पुलियों का निर्माण प्रस्तावित है। इनमें से 12 पुलों के लिए चेकलिस्ट विभाग को सौंप दी गई है और इनका विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। इस योजना से सुदूरवर्ती गांवों को सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी और प्रखंड एवं जिला मुख्यालय तक की दूरी भी कम हो जाएगी।
जिले में वर्तमान में 653 ऐसे टोले हैं, जो सड़क संपर्क से वंचित हैं। विभाग द्वारा मोबाइल ऐप के माध्यम से इनका सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें चालू वित्तीय वर्ष में 104 पथों का डीपीआर तैयार कर 31 जनवरी तक मुख्यालय को भेजा जाएगा। इससे इन गांवों के लोगों को बेहतर आवागमन सुविधा उपलब्ध होगी और वे आसानी से शहरों से जुड़ सकेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क उन्नयन योजना के तहत पांच वर्ष पूर्व या उससे पहले निर्मित सड़कों के पुनर्निर्माण की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। औरंगाबाद कार्य प्रमंडल के तहत 383 सड़कों में से 303 का डीपीआर मुख्यालय को भेजा जा चुका है। दाउदनगर कार्य प्रमंडल के अंतर्गत 239 सड़कों में से 185 के लिए डीपीआर पहले ही समर्पित किया जा चुका है, शेष को 31 जनवरी तक भेजा जाएगा।
जो सड़कें राष्ट्रीय उच्च पथ और राजकीय उच्च पथ से जुड़ी हैं और जिन पर भारी वाहनों का संचालन होता है, उन्हें 5 मीटर चौड़ा करने की योजना भी तैयार की जा रही है। आवश्यकतानुसार सड़कों का चौड़ीकरण कर आवागमन को सुगम बनाया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के पूर्ण होने से औरंगाबाद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की तस्वीर बदल जाएगी। न केवल ग्रामीण आबादी को बेहतर सड़क संपर्क मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नया बल मिलेगा। किसान अपनी फसलें बाजार तक आसानी से पहुंचा सकेंगे, व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और लोगों की जीवनशैली में व्यापक सुधार आएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। बेहतर सड़कों के निर्माण से पर्यटकों को आकर्षित करने में सहायता मिलेगी और स्थानीय शिल्प, संस्कृति और परंपराओं को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा तक ग्रामीणों की आसान पहुंच सुनिश्चित होगी, जिससे जीवन स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। सरकार की इस पहल से जिले के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।