पटना। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
केंद्र की नयी सरकार में एनडीए के घटक दलों को भी हिस्सेदारी मिलनी तय है। इसबार स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर भाजपा को एनडीए के घटक दलों की जरूरत हमेशा रहेगी. वहीं मंत्रालय बंटवारे में भी इसका असर जरूर दिखने वाला है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जदयू इसबार केंद्रीय मंत्रीमंडल में सम्मानजनक प्रतिनिधित्व दिए जाने की उम्मीद कर रही है।
जदयू के एक शीर्ष नेता ने बताया है कि पार्टी की नजर कैबिनेट की तीन-चार सीट पर है जिससे उसे जाति गणना का प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है. जो अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण है. बताया कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों के लिए भी रेलवे, ग्रामीण विकास, कृषि, जल संसाधन और भारी उद्योग जैसे विभागों की मांग केंद्र में कर सकते हैं।
जदयू के खाते से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर, संजय कुमार झा तथा वाल्मीकीनगर से जीत कर आने वाले कुशवाहा समाज से सुनील कुमार के नाम की चर्चा है. पहली बार जीत कर आयी सीवान की सांसद विजयालक्ष्मी कुशवाहा को भी मंत्री पद दिये जाने के कयास लग रहे हैं.
वहीं लोजपा रामविलास से चिराग पासवान एवं एक राज्यमंत्री का पद मिला तो बिहार में सबसे कम उम्र की युवा सांसद शांभवी चौधरी को मंत्री बनाया जा सकता है. हम से पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी केंद्र में मंत्री पद की रेस में हैं। इनके अलावा भाजपा से रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, गिरिराज सिंह एवं संजय जायसवाल के नाम की भी चर्चा है। हालांकि यह केवल चर्चा मात्र है।