नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। अपनी प्रगति यात्रा के क्रम में औरंगाबाद पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ग्राम कुसी में जब विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टाल का निरिक्षण कर रहे थे उन्हें जीविका का भी स्टाल नजर आया। इस पर मुख्यमंत्री खुश हुए और उन्होंने जीविका दीदियों से बातें भी कीं. इस दौरान जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी काफी अच्छे ढंग से काम कर रही हैं। हमलोगों को जब बिहार में काम करने का मौका मिला, उस समय यहां स्वयं सहायता समूह की संख्या न के बराबर थी। इसको हमने बढ़ाने का निर्णय लिया और वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर काम शुरू कराया। स्वयं सहायता समूह का नाम हमने ही जीविका दिया। हमने जीविका से जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी नाम दिया।
उस समय की केंद्र सरकार ने हमारे इस काम से प्रेरित होकर पूरे देश में इसका नाम आजीविका कर दिया। आप सभी बुंलद रहिए। आप सभी को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। हमलोगों ने शहरी क्षेत्रों में भी जीविका स्वयं सहायता समूह के गठन का कार्य शरू करा दिया है। उन्होंने कहा कि जीविका दीदियों की बदौलत महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है। उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ी है और उनका आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल भी विकसित हुआ है।उन्होंने कहा कि जीविका दीदियां जहां भी काम कर रही हैं, वहां बदलाव नजर आता है। हम हमेशा उनके साथ खड़े हैं और उनकी जरूरतों को प्राथमिकता देते हैं। कहा कि बिहार में महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण जीविका दीदियां हैं। इनके योगदान से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव हुआ है। इसके अलावा कृषि विभाग के स्टॉल पर मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली के मतलब को समझाते हुए अधिकारियों से कहा कि जल-जीवन-हरियाली का मतलब है जल और हरियाली है तो जीवन है। जीवन के लिए जल और हरियाली कितना महत्वपूर्ण है।
इस दौरान नवीनगर की जीविका से जुड़ी आरती कुमारी ने बताया कि हमने ड्राईफूड, शहद, लाल मिर्च और लहसुन का अचार का स्टॉल लगाया हैं। इस संबध में हमने प्रशिक्षण प्राप्त किया हैं। हमारी चार जीविका दीदियों का समूह हैं। इस दौरान जीविका दीदियों ने जैविक उत्पाद सहित उत्पादों का स्टॉल लगा रखा था। इस दौरान जिला कृषि पदाधिकारी राम ईश्वर प्रसाद ने बताया कि औरंगाबाद जिले में अमरूद की कई किस्मों की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही हैं। कहीं इलाहाबादी अमरूद तो कहीं थाई अमरूद की खेती हो रही है। देव प्रखंड के किसान द्वारा बड़े पैमाने पर ताइवान पिंक अमरूद की खेती की जा रही है, जिससे किसान को सालाना की लाखों रुपए की कमाई हो रही है। उन्होंने जब ये जानकारी मुख्यमंत्री को दी तो वे काफी प्रसन्न दिखे।