नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। शहर के एमजी रोड स्थित पल्स वूमेन हॉस्पिटल में रविवार को निशुल्क स्त्री कैंसर जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शोभा रानी एवं जिला संचारी एवं गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन के द्वारा जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पटना की डॉ माला सिन्हा एवं डॉ हर्ष प्रिया मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया। शिविर में दोनों महिला डॉक्टरों के द्वारा बारी-बारी से दर्जनों मरीजों की जांच की गई और उन्हें उचित परामर्श दिया गया।
डॉ शोभा रानी ने बताया कि अधिकांश लोगों को कैंसर के प्रारंभिक अवस्था में कोई लक्षण अनुभव नहीं होता, इसलिए इसका शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है। स्तन कैंसर के कई लक्षण हो सकते हैं, खास तौर पर जब यह अधिक गंभीर हो। स्तन कैंसर के लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:
स्तन में गांठ या मोटापन, अक्सर बिना दर्द के स्तन के आकार, आकृति या दिखावट में परिवर्तन
त्वचा में गड्ढे, लालिमा, गड्ढे या अन्य परिवर्तन
निप्पल की बनावट या निप्पल के आसपास की त्वचा (एरिओला) में परिवर्तन
निप्पल से असामान्य या खूनी तरल पदार्थ निकलना।
असामान्य स्तन गांठ वाले लोगों को चिकित्सीय देखभाल लेनी चाहिए, भले ही गांठ से दर्द न हो।
उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर का उपचार कैंसर के उपप्रकार पर निर्भर करता है तथा यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह स्तन के बाहर लिम्फ नोड्स (चरण II या III) तक कितना फैल चुका है या शरीर के अन्य भागों (चरण IV) तक कितना फैल चुका है।
कैंसर के दोबारा होने (पुनरावृत्ति) की संभावना को कम करने के लिए डॉक्टर कई उपचारों को मिलाते हैं। इनमें शामिल हैं:
स्तन ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी
स्तन और आस-पास के ऊतकों में पुनरावृत्ति के जोखिम को कम करने के लिए विकिरण चिकित्सा
कैंसर कोशिकाओं को मारने और फैलाव को रोकने के लिए दवाएं, जिनमें हार्मोनल थेरेपी, कीमोथेरेपी या लक्षित जैविक थेरेपी शामिल हैं।
स्तन कैंसर के लिए उपचार अधिक प्रभावी होते हैं तथा यदि इन्हें समय पर शुरू करके पूरा किया जाए तो बेहतर सहनीय होते हैं।