पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की भी घोषणा
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। राजद और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने मंगलवार को अपना घोषणा पत्र ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ जारी किया। इसमें सत्ता में आने के 20 दिनों के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का कानून पारित करने का वादा किया गया है। घोषणा पत्र के अनुसार, ‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत राज्य की महिलाओं को आगामी 1 दिसंबर से अगले पाँच वर्षों तक 2500 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। महागठबंधन ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की भी घोषणा की है।
कांग्रेस ने पहले हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार बनते ही इसे बहाल किया था और हरियाणा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में भी इसे शामिल किया था। घोषणा पत्र में कहा गया है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को रोका जाएगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को “कल्याणकारी और पारदर्शी” बनाया जाएगा। साथ ही बोधगया स्थित बौद्ध मंदिरों के प्रबंधन का अधिकार बौद्ध समुदाय को सौंपने की घोषणा भी की गई है। महागठबंधन ने अति पिछड़ा वर्गों के लिए पंचायत और नगर निकायों में आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30%, तथा अनुसूचित जातियों के लिए 16% से बढ़ाकर 20% करने का वादा किया है। अनुसूचित जनजातियों के लिए भी आनुपातिक रूप से आरक्षण बढ़ाने की बात कही गई है।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। किसानों से सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी दी जाएगी, मंडी और बाजार समिति को पुनर्जीवित किया जाएगा तथा एपीएमसी एक्ट फिर से लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में महागठबंधन ने वादा किया है कि हर व्यक्ति को 25 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा ‘जन स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ के तहत दिया जाएगा।इस अवसर पर राजद नेता और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव, वीआईपी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, और भाकपा (माले) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य उपस्थित थे।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि महागठबंधन ने सबसे पहले अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार और घोषणा पत्र दोनों जारी कर दिए हैं। एनडीए पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उनका वादा ‘जुमला’ है, जबकि यह हमारा ‘प्रण’ है। यह तय करता है कि बिहार के लिए कौन गंभीर है। हमारा लक्ष्य है बिहार को फिर पटरी पर लाना।