रांची। नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
शनिवार को पीवीयूएनएल पतरातू ने अपने पहले यूनिट 1 बॉयलर के लाइट अप के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। इस ऐतिहासिक अवसर पर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर के सिंह, महाप्रबंधक (संचालन एवं रखरखाव) भेल और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे। यह उपलब्धि प्लांट की उत्पादन यात्रा में एक अहम भूमिका निभाएगी।
विदित हो कि संयुक्त उद्यम कंपनी, जिसका नाम पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) है, 15.10.2015 को निगमित की गई थी। यह एनटीपीसी लिमिटेड की 74% शेयरधारिता वाली सहायक कंपनी और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) की 26% शेयरधारिता वाली सहायक कंपनी का संयुक्त उद्यम है।
संयुक्त उद्यम कंपनी का गठन 4000 मेगावाट क्षमता के कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना के लिए किया गया है, जिसमें 800 मेगावाट की 5 इकाइयां होंगी, जिन्हें दो चरणों में क्रियान्वित किया जाना है (चरण I: 3 x 800 मेगावाट और चरण II: 2 x 800 मेगावाट)। वर्तमान में संयुक्त उद्यम कंपनी क्षमता वृद्धि के चरण-I (3 x 800 मेगावाट) पर काम कर रही है।
परियोजना के लिए वित्तपोषण 75:25 के ऋण/इक्विटी अनुपात पर प्रस्तावित है। इक्विटी का योगदान संयुक्त उद्यम भागीदारों, एनटीपीसी और जेबीवीएनएल द्वारा किया जाएगा। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के साथ ऋण वित्तपोषण के लिए समझौता किया गया है। परियोजना से 4000 मेगावाट बिजली का 85% झारखंड राज्य को आवंटित किया जाएगा।
बनहरडीह कैप्टिव कोल ब्लॉक को अंतिम उपयोग के लिए पीवीयूएन को आवंटित किया गया है। बनहरडीह कोयला खदान में लगभग 956 मीट्रिक टन का भंडार है जिसका कुल क्षेत्रफल 18 वर्ग किलोमीटर है।
एनटीपीसी और जेबीवीएनएल के बीच हुए करार के अनुसार, प्लांट को शुरू करने के लिए जेबीवीएनएल हाई वोल्ट पर अपने स्रोत से बिजली देगा। इस प्लांट से बिजली उत्पादन होने के बाद झारखंड में सरप्लस बिजली होगी। इससे राज्य में उद्योगों का तेज गति से विकास हो सकेगा। बिजली पर बाहरी निर्भरता नहीं के बराबर होगी।