नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सुकुल राम द्वारा आज अनुमंडलीय कारा, दाउदनगर का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कारा में पदस्थापित जेल अधीक्षक रमेश प्रसाद भी मौजूद थे। सचिव सुकुल राम द्वारा जेल के प्रत्येक वार्ड का निरीक्षण कर बंदियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त किया गया। सचिव ने कैदियों को कारा में उत्पन्न हो रही समस्याओं से अवगत होने के उपरान्त कैदियों के समक्ष ही तत्काल निदान करने का निर्देश जेल अधीक्षक को दिया।
सचिव द्वारा निरीक्षण के दौरान यह निर्देश दिया गया कि जो कैदी प्रथम दृष्टया देखने में नाबालिग प्रतीत होते हैं और उनकी उम्र 18 वर्ष वर्ष से कम है, इनकी सूची सम्बन्धित न्यायालयों में उनकी आयु के सत्यापन हेतु प्रेषित करें, ताकि विधि अनुसार उनके मामलों पर कार्रवाई हो सके तथा वैसे कैदियों की सूची तत्काल जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय को प्रेषित करना सुनिष्चित करें। सचिव ने अपने निरीक्षण के दौरान सभी बंदियों से उनके जमानत एवं उनके अधिवक्ता के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त किया गया तथा कहा कि अगर कोई अपने निजी खर्च पर अधिवक्ता रखने में असमर्थ है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा उन्हें मुफ्त पैनल अधिवक्ता की सेवा मुहैया करायी जाएगी। इस क्रम में कुछ बंदियों ने इस सुविधा से अनभिज्ञता जाहिर कि तो सचिव ने कारा अधीक्षक को उक्त सबंध में आवश्यक कार्यवाई करने और जागरूकता हेतु निर्देश दिया।
साथ ही अधीक्षक को यह निर्देश दिया कि वैसे बंदियों को चिन्हित करें जिनका अधिवक्ता न्यायालय में बचाव हेतु नही है और उनको विधिक सहायता अंतर्गत अधिवक्ता उपलब्ध कराने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भेजें ताकि उन्हें अधिवक्ता उपलब्ध करा कर उनके वाद में उन्हें बचाव हो सके। निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा जेल की साफ-सफाई हेतु आवश्यक निर्देश भी दिया गया तथा जेल में मिलने वाले खाने को मेन्यू के अनुसार और गुणवत्तापूर्ण रखने का निर्देश दिया।
सचिव द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि जो भी नये कैदी जेल में आते हैं तो बंदी के दौरान उनके अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में बतायें। साथ ही अगर उन्हें विधिक सहायता की आवष्यकता है तो किस प्रकार उन्हें विधिक सहायता मिल सकती है, उसके बारे में भी बतायें। कारा निरिक्षण के दरम्यान कारा में बागवानी काफी अच्छी पायी गयी। कारा में कुल 100 बंदी पाये गये जिनमे 2 महिला बंदी थी।