कैबिनेट ने दी 27 हजार नई नियुक्तियों की मंजूरी
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। नीतीश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में 27 हजार से अधिक नये पदों पर बहाली करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। सरकार ने कृषि, नगर विकास एवं आवास, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग में हजारों नए पद सृजित किए हैं। नौकरी की चाहत रखने वाले युवाओं के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। अकेले स्वास्थ्य विभाग में 20 हजार से अधिक नए पद सृजित किए गए हैं, जिन पर नियुक्ति होनी है।
वहीं, कृषि विभाग में लिपिक संवर्ग के 2590 पदों के पुनर्गठन की स्वीकृति दी गई है। मद्य निषेध विभाग में मद्य निषेध सिपाही, कार्यालय परिचारी, निम्न वर्गीय लिपिक, प्रयोगशाला सहायक समेत कुल 48 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग में डाटा एंट्री ऑपरेटर के कुल 29 एवं कार्यालय परिचारी के छह पद, कुल 35 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। स्वास्थ्य विभाग में एकीकृत आयुष अस्पताल पटना के संचालन के लिए कल 36 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। वहीं, कैबिनेट सचिवालय के तहत विभिन्न कार्यालय में सहायक उर्दू अनुवादक के कुल 3306 पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है। शिक्षा विभाग के रिटायर्ड सचिव बैद्यनाथ यादव और तत्कालीन निदेशक प्राथमिक शिक्षा पंकज कुमार को एक मार्च 2025 के प्रभाव से एक वर्ष के लिए संविदा के आधार पर परामर्शी नियुक्त करने की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही कैबिनेट में राजस्व और भूमि सुधार विभाग से जुडे़ दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
बता दें कि, राज्य में जमीन सर्वे का काम तेजी से जारी है। ऐसे में जमीन सर्वे के काम में आसानी लाने के लिए सरकार के द्वारा कई फैसले लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज कैबिनेट बैठक में राज्यस्व विभाग से जुड़ी दो अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी है। पहला निर्णय नवादा जिले के पकरीबरावां अंचल के कचना मौजा में 6.27 एकड़ गैर-मजरूआ सरकारी भूमि के हस्तांतरण को लेकर लिया गया। यह भूमि खाता संख्या 606 के तहत आती है और इसका उपयोग 132/33 केवी ग्रिड उपकेंद्र के निर्माण के लिए किया जाएगा। इस जमीन को बिहार स्टेट ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को 5 करोड़ 64 लाख 30 हजार रुपये की राशि पर सशुल्क आधार पर हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी गई है। दूसरे बड़े फैसले के तहत, राज्य के अंतर्गत संचालित सभी 827 राजस्व न्यायालयों के आधुनिकीकरण की योजना को मंजूरी मिली है। इसके तहत इन न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा लागू की जाएगी। इस परियोजना के लिए कुल 38 करोड़ 12 लाख 10 हजार 210 रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिससे जरूरी आधुनिक उपकरणों की आपूर्ति और स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार के इन फैसलों को डिजिटल गवर्नेंस और आधारभूत संरचना के विस्तार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
वहीं नीतीश कैबिनेट ने मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी अंचल के चहुआ मौजा, थाना संख्या 265, खाता संख्या 1347, खेतरा संख्या 3358 की कुल 5.07 एकड़ भूमि को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल के निर्माण हेतु सशुल्क हस्तांतरण की स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह भूमि वर्तमान में “अनाबाद सर्वसाधारण किरम – शिव स्थान” के रूप में चिन्हित है, जिसे अब श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को 2,09,25,918 रुपये (दो करोड़ नौ लाख पच्चीस हजार नौ सौ अठारह रुपये) के भुगतान पर ट्रांसफर किया जाएगा। इस भूमि पर 100 बेड का आधुनिक ईएसआईसी अस्पताल स्थापित किया जाएगा। जिससे क्षेत्र के श्रमिकों और आम नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
कैबिनेट की बैठक में राज्य मंत्री और उप मंत्री का दर्जा प्राप्त नेताओं के वेतन में वृद्धि करने की भी स्वीकृति दी है। राज्य मंत्री के वेतन में 35 हजार रुपए और उपमंत्री के वेतन में 36 हजार 500 रुपए की वृद्धि की गई है।