.जातिगत जनगणना के आंकड़ों को बनाया जाएगा आधार
.कोचिंग, छात्रावास और आयु सीमा पर होगा फोकस
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। उच्च जातियों के विकास को लेकर गठित राज्य आयोग की पहली बैठक 4 जून को आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष डॉ. महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने की। इस दौरान उपाध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद सहित सदस्य राजकुमार सिंह, जयकृष्ण झा और दयानन्द राय उपस्थित रहे। बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया गया कि राज्य में पहली बार उच्च जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उत्थान को लेकर आयोग का गठन हुआ है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा देश में आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के निर्णय को भी सराहा गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि आयोग की कार्ययोजना का आधार 2022-23 में कराई गई जातिगत जनगणना होगी। यह जनगणना राज्य में पहली बार 1931 के बाद कराई गई थी और इसके माध्यम से समाज के सभी वर्गों की शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति का वैज्ञानिक व विश्वसनीय आंकड़ा सामने आया है। आयोग ने उच्च जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए तीन उप-समितियों का गठन किया है। पहली उप-समिति की जिम्मेदारी राजकुमार सिंह को सौंपी गई है, जो सरकारी नौकरी में आयु सीमा बढ़ाने पर रिपोर्ट तैयार करेगी। दूसरी उप-समिति की अगुवाई जयकृष्ण झा करेंगे, जो छात्रों के लिए सभी जिलों में छात्रावास की सुविधा पर काम करेगी। तीसरी उप-समिति का नेतृत्व दयानन्द राय करेंगे, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए राज्य स्तर पर कोचिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने संबंधी सुझाव देंगे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि उसके सभी सुझाव आंकड़ों और जमीनी जरूरतों के आधार पर होंगे और इन्हें शीघ्र ही सरकार को सौंपा जाएगा।