नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। आज जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी औरंगाबाद श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 एवं बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के मद्देनजर नए मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम जोड़ने हेतु मतदाता साक्षरता क्लब कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निदेशानुसार राज्य में लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव संपन्न कराया जाता है। किसी भी चुनाव के आयोजन हेतु अद्यतन मतदाता सूची का होना आवश्यक है। इस वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव संभावित रूप से अक्टूबर अथवा नवंबर माह में आयोजित होना है। उन्होंने जानकारी दी कि औरंगाबाद जिले में पिछले लोकसभा चुनाव में मात्र 50.4 प्रतिशत तथा विधानसभा चुनाव 2020 में मात्र 57 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि अन्य राज्यों में मतदान का प्रतिशत 70% से अधिक होता है। यह स्थिति दर्शाती है कि जिले में मतदाताओं में जागरूकता की कमी अथवा चुनाव में रुचि का अभाव है।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को समझाते हुए कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक नागरिक को मतदान का अधिकार प्राप्त है। यदि आप लोकसभा एवं विधानसभा में अच्छे प्रतिनिधि चुनकर भेजेंगे तो वही आपके हित में नीतियाँ बनाएँगे। लेकिन यदि आप योग्य प्रतिनिधि का चयन नहीं करेंगे तो आपके क्षेत्र का समुचित प्रतिनिधित्व संभव नहीं होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि 100 लोगों में से केवल 50 ही मतदान करेंगे तो निर्वाचित व्यक्ति शेष 50 की अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व कैसे कर पाएगा। अतः मतदान प्रतिशत अधिक से अधिक होना आवश्यक है। जिम्मेदार नागरिक होने के नाते प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि वह अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराए और चुनाव के दिन मतदान अवश्य करे।
इस अवसर पर उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मतदाता सूची को शुद्ध और त्रुटिरहित बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मतदाता सूची से अनुपस्थित, मृतक, स्थानांतरित अथवा दोहरी प्रविष्टियों वाले नामों को विलोपित किया जा रहा है। औरंगाबाद जिले में अब तक लगभग 1,67,000 नाम विलोपित किए गए हैं। जिनका नाम विलोपित हुआ है, उनके लिए दावा-आपत्ति की प्रक्रिया भी 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक संचालित की जा रही है।
उन्होंने चिंता व्यक्त की कि जिले में नए मतदाताओं की संख्या मात्र 1% है, जो अत्यंत ही चिंताजनक है। साथ ही जिले में जेंडर रेशियो भी कम है। मतदाता सूची प्रकाशन से पूर्व महिलाओं का जेंडर रेशियो 907 था, जो प्रकाशन के बाद घटकर 881 रह गया है। जबकि राज्य का औसत प्रकाशन से पूर्व 925 तथा प्रकाशन के बाद 897 है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति पहले भी संतोषजनक नहीं थी और अब और भी चिंताजनक हो गई है।
उन्होंने उपस्थित छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बेटियों के लिए सरकार अनेक कल्याणकारी योजनाएँ चला रही है, फिर भी बेटियाँ मतदान में पीछे क्यों रहें। उन्होंने सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिया कि परीक्षा अवधि के दौरान ही कॉलेज परिसर में एक काउंटर स्थापित किया जाए तथा विशेष अभियान चलाकर नए मतदाताओं, विशेषकर छात्राओं, के नाम मतदाता सूची में जोड़े जाएँ। कार्यक्रम के अंत में जिला पदाधिकारी ने उपस्थित सभी छात्राओं से अपील की कि वे अपना नाम अवश्य ही मतदाता सूची में दर्ज कराएँ और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाएँ।
इस अवसर पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी संतन कुमार सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रत्ना प्रियदर्शनी, उप-निर्वाचन पदाधिकारी मोहम्मद गजाली, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी कुमार पप्पू राज, महाविद्यालय के प्राचार्य सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।