झारखंड को इस प्रोजेक्ट से मिलेगी 85 प्रतिशत उत्पादित बिजली
मनोज विशाल/अमित अमन
पतरातू (रामगढ़)। एनटीपीसी लिमिटेड और झारखंड सरकार के संयुक्त उपक्रम पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की पहली इकाई से इसी साल दिसंबर माह से विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा। पीवीयूएनएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर के सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान आज बताया कि प्रथम यूनिट का कमीशनिंग इसी वर्ष दिसंबर माह में होना सुनिश्चित है जबकि अगले वर्ष दूसरी और तीसरी यूनिट की भी कमीशनिंग का लक्ष्य निर्धारित है। दूसरी यूनिट से सितंबर और तीसरी यूनिट से नवम्बर 2025 में विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि तीनों यूनिट से कुल 24 सौ मेगावाट विद्युत उत्पादन होना है। दिसंबर में पहली यूनिट से कुल 8 सौ मेगावाट विद्युत का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
एक सवाल के जवाब में श्री सिंह ने बताया कि विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने में पी वी यू एन एल अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि जितना भी विद्युत का उत्पादन होगा उसका 85 फीसदी झारखंड में ही इस्तेमाल होगा। उन्होंने बताया कि एन टी पी सी के संयुक्त उपक्रम पी वी यू एन एल ने कुल 4 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए और दो यूनिट स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब के दौरान प्लांट निर्माण, सीडी आउटरीच, ऐश डायिंग प्रबंधन, ऐश उपयोग, रोजगार सृजन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत में जिआउर रहमान (प्रमुख, मानव संसाधन) ने मीडिया प्रतिनिधियों का स्वागत किया। इसके बाद संतोष कुमार सिंह (सीनियर मैनेजर, आर एंड आर) द्वारा एक व्यापक प्रस्तुति दी गई जिसमें पी वी यू एन एल पावर प्लांट के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया। सामाजिक निगमित दायित्व के तहत किए जा रहे कार्यों, प्लांट संचालन और स्थानीय विकास गतिविधियों को स्क्रीन के माध्यम से दर्शाया गया जिनमें अवसंरचना, महिला सशक्तिकरण प्रशिक्षण, निर्माण परियोजनाएं और अन्य सामुदायिक कार्यक्रम भी शामिल थे।
प्रेस वार्ता के दौरान देवदीप बोस, महाप्रबंध (ओ एंड एम), अनुपम मुखर्जी, महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट्स), रवींद्र पटेल, महाप्रबंधक (सी एंड टी), क्रोविदि चंद्रशेखर, महाप्रबंधक (खनन) एवम डॉ. संजय कुमार, सी एम ओ सहित अन्य विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि इस परियोजना के निर्माण पर 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी । इस परियोजना के निर्माण के लिए भूमि पहले से उपलब्ध है जिससे भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पड़ी है । झारखंड राज्य में विद्युत उत्पादन की यह अब तक की सबसे बड़ी परियोजना है।