नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। लोक आस्था का महापर्व छठ की गूंज जिले के कोने-कोने में होने लगी है। आज से नहाय–खाय के साथ चार दिवसीय छठ पूजा का शुभारंभ हो गया है। शहर के शाहपुर, पुलिस केंद्र स्थित चहका, बिराटपुर, अंबा दोमुहान एवं देव सूर्यकुण्ड समेत अन्य जलाशयों की ओर छठ व्रतियों का तांता लगा रहा। व्रतियों ने स्नान कर छठ व्रत का संकल्प लिया। उसके बाद अरवा चावल का भात, चने की दाल और कद्दू (लौकी) की सब्जी ग्रहण किया। इसमें परिवार के सदस्य भी शामिल रहे। नहाय-खाय के बाद व्रती खरना की तैयारी में जुट गए। इस दौरान व्रतियों ने खरना के लिए गेहूं धोकर सुखाया और मिट्टी के चूल्हे को अंतिम रूप दिया।
छतों पर गेहूं सूखा रही व्रती महिलाएं छठ गीत पहिले पहिले हम कइली, छठी मईया बरत तोहार….. गुनगुना रही हैं। व्रतियों ने बताया कि नहाय–खाय के साथ ही उनकी कठिन परीक्षा शुरू हो गई है। लेकिन, उन्हें पूरा विश्वास हैं कि छठी मईया उनका व्रत सहज तरीके से संपन्न कराएगी। खरना की परंपरा छठ पूजा के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है। इस पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है, जो साधक इस दौरान व्रत रखते हैं, उनके जीवन से संतान और धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।