विश्व म्यूजिक थेरेपी दिवस पर जेडी विमेंस कॉलेज में म्यूजिक थेरेपी कार्यशाला का आयोजन
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। तनाव व भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण वर्तमान में हर कोई परेशान चल रहा है। चाहे आर्थिक परेशानी हो या पारिवारिक या कार्यालय के अधीन होने वाली परेशानियां। इन सभी चीजों के कारण हर कोई तनाव में जी रहा है। यह बातें महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के प्राध्यापक डॉ. दुर्गेश कुमार उपाध्याय ने कहीं। वह विश्व म्यूजिक थेरेपी दिवस के अवसर पर पटना के जेडी विमेंस कॉलेज, मनोविज्ञान विभाग एवं मां प्रेमा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित म्यूजिक थेरेपी वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संगीत व्यक्ति को सहज, सरल, शांत अनुभूति को अनुभव कराता हैं। संगीत मानसिक विकारों को उत्पन्न करने वाले कारकों की पहचान कर, उसे समझ कर, उसे दूर करने का एक सशक्त माध्यम है। संगीत चिकित्सा एक प्रकार का मेडिटेशन है जो व्यक्ति के मन की समानांतर स्तर की चेतना को अनुभव करने का क्षमता विकसित करती है ताकि वह अपने दबे–छुपे विचारों को समझ सके तथा उसे दूर करने हेतु प्रयास कर सके।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में विभिन्न रागों के साथ म्यूजिक थेरेपी के अनुप्रयोग को प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला का आरंभ जे.डी विमेन्स कॉलेज की प्राचार्या प्रो. मीरा कुमारी, प्रो.मालिनी वर्मा, प्रो अशोक कुमार यादव, प्रो. मधु पाण्डे, डा. ब्रजबाला साह, डा. ज्योतिमा पाण्डे, डा. स्नेहा, डा.अजीता व डा. पुष्पा ने दीप प्रज्वलन कर किया। प्राचार्या ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यशाला में इस नए विषय को सीखने का अवसर प्रतिभागियों को प्राप्त होता हैं। इस कार्यशाला में लगभग मनोविज्ञान विभाग, संगीत विभाग के 135 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन अफ़ाफ़ कादरी ने किया। कार्यक्रम में फाउंडेशन के सीईओ ज्योति, कॉलेज की डा. रीता दास, डा. पूनम, डा. इरा यादव, डा. स्मृति आनंद, डा. रहमत, डा. अभिषेक, डा. अमर उपस्थित रहे।