औरंगाबाद, गया और नवादा जिले में शुरू हुआ सीड बॉल से पौधे लगाने का अभियान
पटना/औरंगाबाद। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
दक्षिण बिहार के औरंगाबाद, गया और नवादा जिले के नंगे पहाड़ों को हरा-भरा बनाने, उसे हरित आवरण प्रदान करने और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार से औरंगाबाद के मदनपुर में सीडबॉल के जरिए वृक्षारोपण के अरण्य अभियान की शुरुआत की गई।
अरण्य अभियान और वन विभाग के पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ करते हुए वन एवं पर्यावरण तथा सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि दक्षिण बिहार के औरंगाबाद, गया एवं नवादा के नंगे पहाड़ों पर 2 लाख सीडबॉल के जरिए वृक्ष लगाने के प्रयास किया जा रहे हैं। इन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के प्रथम चरण की शुरुआत औरंगाबाद से की जा रही है। अगले चरण में दक्षिण बिहार के कैमूर, रोहतास, जमुई, शेखपुरा और मुंगेर जिले में ऐसे ही पायलट प्रोजेक्ट चलाए जाएंगे।
डॉ कुमार ने कहा कि वन विभाग भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के सहयोग से इन जिलों में ड्रोन के माध्यम से सीडबॉल बिखेर कर हरियाली की चादर बिछाने का अनूठा प्रयास कर रहा है। इससे न केवल इस इलाके में पर्यावरण संतुलन में मदद मिलेगी बल्कि अस्वाभाविक गर्मी का सामना करने वाले इन इलाकों में सघन वानस्पतिक आवरण से तापमान भी नियंत्रित होगा। इसके साथ ही औरंगाबाद जिले में 75वें वन महोत्सव की शुरुआत की गई।
वन प्रमंडल पदाधिकारी, औरंगाबाद वन प्रमंडल द्वारा बताया गया कि औरंगाबाद में विभागीय वृक्षारोपण के तहत इस वर्ष 345000 पौधे 310 हेक्टेयर वन भूमि पर विभिन्न योजनाओं के तहत लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त जीविका दीदियों के माध्यम से कुल 241000 पौधे वितरित किए जा चुके हैं। विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं, विद्यालय, सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रम, स्वयंसेवी संस्थाओं, सरकारी विभागों के माध्यम से अब तक 68000 पौधे लगाए गए हैं। इसमे छात्र, वक्फ बोर्ड, जंगल के समीप बसे गाँव के लोगों की सहभागिता भी रही है।
कृषि वानिकी के माध्यम से किसानों के बीच अब तक 85000 पौधे पूरे वन प्रमंडल में वितरित किए जा चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3 स्थलों पर मृदा एवं भूजल संरक्षण कार्य अंतर्गत 1000 हे. में कार्य किया गया है। 500 हे. कैचमेंट एरिया में गारलेंड ट्रेंच के माध्यम से जल संरक्षण का कार्य कराया गया जिससे अनेकों गाँव को सिंचाई हेतु पानी की व्यवस्था की गयी, जंगली जानवरों को पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है, तथा उन सभी क्षेत्रों में भूजल स्तर में वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर वन संरक्षक एस. सुधाकर, भारत पेट्रोलियम के बिहार और झारखंड के महाप्रबंधक नीतीश भारती, बीपीसीएल के महाप्रबंधक रमन मलिक और औरंगाबाद की वन प्रमंडल पदाधिकारी रुचि सिंह भी उपस्थित थीं।
वन विभाग के साथ पर्यावरण बचाने आगे आया भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन
सीड बॉल्स के जरिए पर्यावरण बचाने के वन विभाग के प्रयासों को गति देने के लिए भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मंगलवार को बिहार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने औरंगाबाद जिले के मदनपुर इलाके में सीड बॉल्स से पौधे लगाने की जो प्रक्रिया शुरू की इस अभियान का नाम ‘अरण्य : एक आकाशीय वृक्षारोपण पहल’ रखा गया है।
इस विशेष पहल का क्रियान्वयन भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन द्वारा अपने सामाजिक निगमित दायित्व पहल के तहत किया गया है. इस प्रकार भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को अपना सहयोग दिया है. इस कार्यक्रम में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के वरीय अधिकारी भी मौजूद थे।
भारत पेट्रोलियम के बिहार और झारखंड के महाप्रबंधक नीतीश भारती, बीपीसीएल के महाप्रबंधक रमन मलिक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यह ना सिर्फ एक पर्यावरणीय मुद्दा है, बल्कि आर्थिक, सुरक्षात्मक तथा नैतिक मुद्दा भी है। अतः प्रकृति को बचाने के लिए सभी लोगों को एक मंच पर आने की ज़रूरत है. भारत पेट्रोलियम इसी सोच के तहत आगे आया है।