धार्मिक अनुष्ठान के साथ दो दिवसीय अम्बे महोत्सव की शुरुआत
नवबिहार टाइम्स संवाददाता
अंबा (औरंगाबाद)। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं। यह आवश्यक है और अपनी जगह पर सही भी है, परन्तु महोत्सव के आयोजन के उद्देश्यों और उनके इतिहास के प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है। महोत्सव के आयोजन से लोगों के अंदर संस्कार का विकास होता है और अच्छे संस्कार से सभ्य समाज का निर्माण होता है। महोत्सव के माध्यम से हम अपने संस्कृति को याद करते हैं और संस्कारों को जीतें हैं। यह बात औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिह ने सोमवार को दो दिवसीय अम्बे महोत्सव का उद्घाटन करते हुए कही। इस महोत्सव का उदघाटन सांसद के साथ उप विकास आयुक्त अभ्येन्द्र मोहन, पूर्व विधायक ललन राम, जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र यादव, जिला परिषद प्रतिनिधि सुबोध सिह, प्रमुख धर्मेंद्र कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार, अंचल अधिकारी चंद्र प्रकाश ने संयुक्त रूप से फीता काटने के पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर अपने संबोधन में सांसद ने उत्तर कोयल नहर सिचाई परियोजना, अंबा बाजार में बाईपास निर्माण एवं अंबा बाजार में प्रतिदिन लगने वाले भीषण जाम जैसी क्षेत्रीय समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि बीते दिनों औरंगाबाद में प्रधानमंत्री ने जनसभा के दौरान उत्तर कोयल नहर परियोजना की समस्या को दूर करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी। इसके पूर्व माता सतबहिनी मंदिर प्रांगण में धार्मिक अनुष्ठान के साथ दो दिवसीय अम्बे महोत्सव का आगाज सोमवार को किया गया। इस दौरान सैंकड़ों श्रद्धालु गाजे-बाजे के साथ माथे पर कलश लेकर जयघोष करते हुए मंदिर परिसर से हरदत्ता बटाने नदी के तट पर पहुंचे। जहां धर्माचार्यों द्बारा गंगा पूजन एवं आरती के पश्चात जलभरी किया और पदयात्रा करते हुए वापस मंदिर परिसर पहुंचकर कलश यात्रा सम्पन्न की।
कम राशि दिए जाने से असंतुष्ट दिखे जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग
अम्बे महोत्सव को राजकीय स्तर पर मिलने वाली राशि के कम होने के कारण जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग असंतुष्ट दिखें। जनप्रतिनिधियों ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि औरंगाबाद जिले में देव महोत्सव के बाद आयोजित होने वाला यह दूसरा महोत्सव है जिसे वर्ष 2००4 में प्रारंभ किया गया था। दूसरा सबसे पुराना महोत्सव होने के बावजूद अम्बे महोत्सव को मात्र दो लाख रुपए की राशि दी जाती है जो किसी भी महोत्सव के आयोजन के लिए बहुत कम है। जनप्रतिनिधियों ने अम्बे महोत्सव को दी जाने वाली राशि को बढ़ाने की मांग की है।