इससे बढ़ जाएगी मिट्टी की उर्वरा शक्ति
पशुओं की जान बचाने में भी मिलेगी मदद
धनबाद। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय की शोधकर्ता शिल्पा सिन्हा ने किसानों–पशुपालकों के हित में एक बड़ी खोज की है। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाएगी और पशुओं की जान बचाने में भी मदद मिलेगी। शिल्पा ने बताया कि उसने केंचुए के पाचन तंत्र में मिली जीवाणु की एक नई प्रजाति की खोज की है जो इंसान ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी लाभकारी है।
यह जीवाणु यूरिया के कारण मिट्टी की क्षय हो रही उर्वरता को पुनः स्थापित करता है एवं नाइट्रोप्रोपियोनिक अम्ल के कारण बीमार हुए पशुओं के उपचार में भी मदद करता है। शोधकर्ता शिल्पा ने इस जीवाणु का नामकरण लेक्लेर्शिया बर्माई किया है। वह विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख प्रो रणधीर चक्रवर्ती के निर्देशन में शोध कर रही है।
धनबाद मनईटांड़ की रहने वाली शिल्पा ने बताया कि हमारा विभाग पिछले आठ साल से केंचुए के पाचन तंत्र में मौजूद जीवाणुओं के व्यवहार का अध्ययन कर रहा है। शोध के दौरान ही इस जीवाणु की जानकारी मिली जिसका नमूना माइक्रोबियल संस्कृति संग्रह केंद्र एमटीसीसी चंडीगढ़ और जेसीएम जापान में भी भेजा गया है। जल्द ही इसका प्रकाशन शोध पत्र नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में होगा जिसकी प्रक्रिया हो चुकी है। वहीं रिसर्च स्क्वायर प्रीप्रिंट सर्वर में भी यह पंजीकृत हुआ है।